नई दिल्ली। देश के स्वतंत्रा के 75वें वर्ष में केंद्र सरकार ने 75 वर्ष और इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के ऊपर से कर-अनुपालन का बोझ कम करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट-2021 में घोषणा की है कि जिन वरिष्ठ नागरिकों के पास केवल पेंशन और ब्याज से होने वाली आय है, उन्हें अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भुगतानकर्ता बैंक उनकी आय पर आवश्यक कर कटौती स्वयं कर लेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि 75 साल और इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन से होने वाली आय के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अब जरूरत नहीं है। हालांकि, ये बात साफ है कि वित्त मंत्री ने सिर्फ पेंशन लेने वालों को छूट दी, जबकि, बैंक से मिल रहे इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स देना पड़ेगा। वहीं 75 वर्ष तक नौकरी करने वालों को अपनी पुरानी कंपनी से मिलने वाली पेंशन पर टैक्स देना होगा साथ ही फैमिली पेंशन को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस माना जाएगा और अब टैक्स काटा जाएगा।
बैंक सभी जरूरी टैक्स को काटकर ही किसी भी प्रकार की पेमेंट करेगी। इसलिए ये जानना बहुत जरूरी है कि टैक्स से पूरी तरह छूट सिनियर सिटिजन को नहीं मिली है। बस ITR फाइल करने की छूट दो कंडिशन में हो रही इनकम में दी गई है।
लेकिन, बैंक से मिल रहे एफडी के इंटेरेस्ट इनकम में जो टैक्स कटता है वो वरिष्ठ नागरिक को देना पड़ेगा। बजाज कैपिटल के फाइनेंशियल वेलबिइंग के ग्रुप डायरेक्टर, अनिल चोपड़ा का कहना है कि 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इनकम टैक्स रिटर्न पेंशन और इंटरेस्ट से हो रही इनकम पर फाइल करने की जरूरत नहीं है। ये वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। हालांकि उन्हें इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स देना पड़ेगा पर रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
वरिष्ठ नागरिक सरकारी योजानाओं जैसे वृद्धजनों को सब्सिडी और पेंशन का लाभ दिया जाता है उसमें छूट ले सकते हैं। इसमें वृद्धव्यवस्था पेंशन, विधवा पेंशन शामिल हैं। साथ ही पीएम आवास योजना का लाभ भी बिना किसी टैक्स के वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा।
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