Reliance Jio बेचेगी अपना टॉवर कारोबार, ब्रुकफील्ड करेगी 25,215 करोड़ रुपए में इसका अधिग्रहण
यह सौदा दिखाता है कि वैश्विक निवेशक भारत के डिजिटल अवसरों में निवेश करने के अवसरों की तलाश में हैं।
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार को कहा है कि वह जियो के टेलीकॉम टॉवर परिसंपत्तियों को कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को 25,215 करोड़ रुपए में बेचेगी। आरआईएल ने कहा कि उसकी इकाई रिलायंस इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स लिमिटेड (आरआईआईएचएल) ने ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी और उसके भागीदारों के साथ टॉवर कारोबार सौदे के लिए एक बाध्यकारी समझौता किया है।
ब्रुकफील्ड परिचालन वाली टॉवर कंपनी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि आरआईआईएचएल ने ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी और इसके संस्थागत भागीदारों के साथ एक बाध्यकारी समझौता किया है, जिसके तहत 25,215 करोड़ रुपए में टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट द्वारा अपनी भागीदारी बेची जाएगी।
सौदे के तहत, आरआईआईएचएल, जो टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट की प्रवर्तक है, ब्रुकफील्ड से जुड़े बीआईएफ आईवी जारविस इंडिया और अन्य सह-निवेशकों के लिए ट्रस्ट में यूनिट को जारी करेगी। सौदा पूरा होने के बाद, ब्रुकफील्ड और इसके भागीदार ट्रस्ट के प्रवर्तक बन जाएंगे। भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम टॉवर कंपनी में उनकी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वर्तमान में टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के पास 130,000 टॉवर हैं।
यह एक भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में अबतक का सबसे बड़ा एकल विदेशी निवेश है। ब्रुकफील्ड के साथ सौदे से हासिल होने वाली राशि और दीर्घ-अवधि ऋण से रिलायंस जियो इंफ्राटेल प्रा. लि. के मौजूदा ऋण को चुकाया जाएगा। रिलायंस जियो इंफ्राटेल पर 12,000 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है।
टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट की सबसे बड़ी किरायेदार जियो है, जिसने 30 साल के लिए मास्टर सर्विस समझौता किया है। आरआईएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश डी अंबानी ने कहा कि ब्रुकफील्ड के साथ इस दीर्घावधि और रणनीतिक साझेदारी के लिए कम काफी रोमांचित हैं। यह सौदा दिखाता है कि वैश्विक निवेशक भारत के डिजिटल अवसरों में निवेश करने के अवसरों की तलाश में हैं।