नई दिल्ली। पेट्रोलियम, टेलीकॉम और रिटेल कारोबार करने वाली निजी क्षेत्र की शीर्ष कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने पूंजी खर्च के लिए विदेशी ऋणदाताओं के साथ 1.85 अरब डॉलर (करीब 12,900 करोड़ रुपए) का दीर्घकालिक कर्ज समझौता किया है।
कंपनी ने वित्तपोषण की यह व्यवस्था ऐसे समय की है, जब इस तरह की रिपोर्ट सामने आई हैं कि आरआईएल अपने दूरसंचार कारोबार में 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश करेगी। माना जा रहा है कि जियो के 5जी मोबाइल टेलीफोन सेवाओं में संभावित प्रवेश को देखते हुए कंपनी अपने ब्रॉडबैंड और ई-कॉमर्स ढांचे को मजबूत करना चाहती है।
आरआईएल ने नियामकीय सूचना में यह जानकारी देते हुए कहा है कि कंपनी ने विदेशी ऋणदाताओं के साथ कुल 1.85 अरब डॉलर का दीर्घकालिक ऋण समझौता किया है। यह कर्ज कंपनी प्राथमिक तौर पर अपने योजनाबद्ध पूंजी व्यय को पूरा करने के लिए जुटाएगी। कंपनी ने हालांकि इस कर्ज की अवधि और ब्याज दर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
आरआईएल द्वारा 1,700 करोड़ रुपए के कंपनी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कोष के कथित तौर पर अन्यत्र खर्च करने के मामले को लेकर सरकारी निगरानी में आने की रिपोर्ट के बारे में कंनी ने कहा है कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय समय-समय पर कंपनी से उसकी सीएसआर गतिविधियों के बारे में जानकारी लेती रहती है। आरआईएल ने कहा है कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा मांगी गई जानकारी को उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्रालय ने हाल ही में सीएसआर परियोजना पर अतिरिक्त सूचना मांगी थी और कंपनी यह जानकारी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है।
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