नई दिल्ली। रिलायंस जियो और टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) ने दिल्ली हाई कोर्ट में भारती एयरटेल तथा वोडाफोन की ट्राई के इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क नियमनों को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध किया। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट्र प्रयोग शुल्क (आईयूसी) नियमनों में लैंडलाइन से वायरलेस के लिए टर्मिनेशन शुल्क शून्य पैसा और वायरलेस से वायरलेस 14 पैसे प्रति मिनट तय किया है।
इंटरकनेक्शन प्रयोग शुल्क या टर्मिनेशन शुल्क कॉल करने वाले ग्राह की सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा दूसरे को दिया जाता है जिसके नेटवर्क पर कॉल आई है। पहले ऑपरेटर को दूसरे ऑपरेटर के नेटवर्क के इस्तेमाल के लिए यह शुल्क होता है।
रिलायंस जियो और टीटीएसएल की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी तथा न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ से कहा कि वे एयरटेल तथा वोडाफोन की याचिका का विरोध कर रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा, हमें लगता है कि सभी सेवा प्रदाता इस मामले में एक रख रखते हैं।
सर्विस प्रोवाइडर को नहीं नुकसान
एक याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि कम ग्राहकों वाले सेवाप्रदाताओं को नुकसान नहीं है, लेकिन ऐसे ऑपरेटर जिनके ग्राहकों की संख्या अधिक है, उन्हें इस नियमन की वजह से नुकसान हो रहा है।
तस्वीरों में देखिए रिलायंस Jio का है प्पी न्यू इयर ऑफर
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- चिदंबरम दलील दी कि ट्राई द्वारा तय टर्मिनेशन शुल्क घटाने की वजह से सेवाप्रदाताओं को नुकसान हो रहा है।
- चिदंबरम ने ट्राई के टर्मिनेशन शुल्क को शून्य करने के अधिकार पर भी सवाल उठाया।
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