नयी दिल्ली। वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बीच वाकयुद्ध और भी तेज हो गया है। जियो ने एयरटेल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह मोबाइल इंटरकनेक्शन शुल्क के मामले में उपभोक्ताओं की कीमत पर नीति का झुकाव अपनी ओर करने का प्रयास कर रही है।
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मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई को पत्र भेजा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि एयरटेल हमेशा से किसी तरह की प्रतिस्पर्धा का विरोध करती रही है। चाहे वह एमटीएनएल की मोबाइल सेवाओं का मामला हो या मूल आपरेटर द्वारा डब्ल्यूएलएल सेवाओं का मामला या फिर जियो को पर्याप्त नेटवर्क इंटरकनेक्शन पॉइंट देने का मामला हो। अब वह नई प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए आईयूसी के इस्तेमाल का प्रयास कर रही है।
जियो ने एयरटेल के कारोबार में 79,000 करोड़ रुपये के आंतरिक निवेश के दावे को भी खारिज कर दिया। जियो ने आरोप लगाया कि एयरटेल ने पिछले कई बरसों में आंशिक रूप से नया इक्विटी निवेश किया है जबकि उसे कहीं ऊंचा निवेश करने की जरूरत थी। जियो और एयरटेल के बीच की लड़ाई नई नहीं है। पिछले साल लॉन्चिंग के बाद से ही एयरटेल और जियो के बीच जंग जारी है। जियो को टक्कर देने के लिए एयरटेल ने इसी सप्ताह 4जी वोल्ट नेटवर्क की शुरुआत की है। कंपनी ने इसकी शुरुआत मुंबई से की है। इसके बाद कोलकाता और देश के अन्य राज्यों में कंपनी इस सर्विस की शुरुआत करने जा रही है।
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