नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो ने अपने टेलीकॉम बिजनेस को विस्तार देने के लिए जापानी बैंकों से 50 करोड़ डॉलर (3250 करोड़ रुपए) का ऋण हासिल किया है। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति के स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने तीन जापानी बैंकों के सिंडीकेट से 50 करोड़ डॉलर का समुराई लोन हासिल किया है। इनमें बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी यूएफजे (एूयूएफजी), सुमीटोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) और मिजुहो बैंक शामिल हैं। यह लोन फ्लोटिंग रेट पर लिया गया है और इसकी अवधि सात साल की है।
बड़े नकदी भंडार और घरेलू परियोजनाओं में निवेश के अवसर कम होने की वजह से जापानी बैंक उच्च वृद्धि वाले विदेशी बाजारों में अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्प और एनटीपीसी सहित अन्य बड़ी भारतीय कंपनियां भी समुराई लोन के लिए अपनी वित्त जरूरत को पूरा करने की योजना बना रही हैं।
जियो ने यह लोन कुछ दिन पहले ही हासिल किया है, वह इसके जरिये अपने कर्ज में विविधता लाना चाहती है। लोन के लिए नए बाजार में प्रवेश करने से उसे अपना कारोबार लंबे समय तक चलाने में भी मदद मिलेगी। इस लोन का उपयोग टेलीकॉम कंपनी के विस्तार में किया जाएगा।
पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ने किस्तों में 20000 करोड़ रुपए कर्ज के जरिये जुटाने को मंजूरी दी थी। विश्लेषकों का कहना है कि इस राशि का उपयोग जियो की पूंजीगत खर्च जरूरतों को पूरा करने में किया जा सकता है। आरआईएल अपनी कंटेंट लाइब्रेरी को बढ़ाना चाहती है। जियो ने दिसंबर तिमाही में 7,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है और ऐसी उम्मीद है कि चालू मार्च तिमाही में भी जियो इतनी ही राशि का निवेश करेगी।
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