नई दिल्ली। रिलायंस जियो के लॉन्च से पहले ही भारती एयरटेल कंपनी से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स भारती एयरटेल की 60,000 करोड़ रुपए की निवेश योजना को रिलायंस जियो इन्फोकॉम के बाजार में उतरने के जवाब के रूप में देख रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को सस्ती मोबाइल सर्विस मिल पाएगी। वहीं, इन दोनों कंपनियों ने देश की दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की नींद उड़ा दी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रिलायंस जियो के बाजार में उतरने से अन्य कंपनियों पर भी अपने नेटवर्क का विस्तार करने का दबाव पड़ेगा।
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एयरटेल अपने नेटवर्क को करेगा दोगुना
भारती एयरटेल ने मंगलवार को प्रोजेक्ट लीप की घोषणा की जिसके तहत उसकी योजना 70,000 मोबाइल साइटों की स्थापना के साथ अपने नेटवर्क को दोगुना करने की है। कंपनी के गठन के बाद यह किसी एक साल में सबसे बड़ा विस्तार होगा। इसके अलावा कंपनी का अगले तीन साल में 1,60,000 बेस स्टेशन स्थापित करने का इरादा है। क्रेडिट्स सुइस के रिसर्च एनालिस्ट सुनील तिरमलाई और चंकी शाह ने एक रिपोर्ट में कहा, हम इस घोषणा को बढ़ती प्रतिस्पर्धा के परिणाम के रूप में देख रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल भारती की 2जी के लिए 1,50,000 और 3जी के लिए 62,000 साइट हैं।
प्रतिस्पर्धा बढ़ने से निवेशकों को ढूंढना होगा मुश्किल
जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश बढ़ने से यह क्षेत्र निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो जाएगा। ऐसे में कंपनियों के लिए आगे होने वाली नीलामियों में स्पेक्ट्रम खरीद का प्रबंधन करने की कम गुंजाइश होगी। मार्गन स्टेनले की एक रिपोर्ट में विजय जयसिंह और ए पबाल्कर ने कहा कि रिलायंस जियो के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, स्पेक्ट्रम की दिक्कत जारी रहेगी।
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