नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज बाकई बड़ी कंपनी है, इस बात का अंदाजा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिल्टी (सीएसआर) पर खर्च की जाने वाली राशि से पता चलता है। वित्त वर्ष 2014-15 में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे ज्यादा 760 करोड़ रुपए सामाजिक कार्यों पर खर्च किए हैं। इस मामले में सरकारी कंपनी ओएनजीसी का दूसरा नंबर है, तीसरे स्थान पर आईटी कंपनी इंफोसिस है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 460 लिस्टेड कंपनियों ने 2014-15 में सीएसआर पर कुल 6,337.36 करोड़ रुपए की राशि खर्च की है। इनमें 51 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (पीएसयू) भी शामिल हैं, जिन्होंने 2,386.60 करोड़ रुपए सीएसआर पर खर्च किए हैं।
नए कंपनी कानून के तहत 100 करोड़ नेट वर्थ वाली कंपनी को अपने तीन साल के औसत वार्षिक शुद्ध लाभ का 2 फीसदी हिस्सा सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है। कुल खर्च की गई राशि में से अधिकांश राशि (1462.6 करोड़ रुपए) शिक्षा या व्यावसायिक कौशल पर खर्च हुई है, जबकि 1421.66 करोड़ रुपए की राशि भुखमरी और गरीबी मिटाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च की गई है।
इसके अलावा कंपनियों ने स्वच्छ गंगा कोष, स्वच्छ भारत कोष के साथ ही साथ खेल, कला और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए भी धन आवंटित किया है। राज्यों में, सीएसआर खर्च के मामले में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। यहां सीएसआर के तहत 202 प्रोजेक्ट्स संचालित हो रहे हैं। टॉप 10 लिस्ट में शामिल कंपनियों में एनटीपीसी (205.18 करोड़), एनएमडीसी (188.65 करोड़), टाटा स्टील (171.46 करोड़), ऑयल इंडिया (133.31 करोड़) और विप्रो (132.70 करोड़) शामिल हैं।
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