नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने पूर्वी अपटतीय इलाके कृष्णा-गोदावरी बेसिन के डी-6 ब्लॉक स्थित अपने एकमात्र तेल क्षेत्र को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है। कंपनी ने यह फैसला वहां कच्चे तेल का उत्पादन बंद होने के बाद लिया है। ब्लॉक में धीरुभाई-26 (डी-26) या एमए एकमात्र तेल क्षेत्र था, जिसका संचालन आरआईएल, ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी और कनाडा की कंपनी निको रिसोर्सेस के समूह द्वारा किया जाता था।
कृष्णा गोदावरी बेसिन में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अब तक कुल 19 तेल एवं गैस क्षेत्र की खोज की थी। इनमें से डी26 और एमए ही केवल खोजे गए तेल क्षेत्र थे। कंपनी के अनुसार, इस तेल क्षेत्र की खोज 2006 में की गई थी और सितंबर 2008 में यहां उत्पादन शुरू हुआ था।
कंपनी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आरआईएल के समेकित स्तर के राजस्व के मामले में एमए फील्ड का योगदान 0.1 प्रतिशत था।
कंपनी ने शेयर बाजार को सूचना दी कि केजी-डी6 ब्लॉक में एमए (डी26) क्षेत्र को 17 सितंबर 2018 से स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। इस क्षेत्र का परिचालन रिलायंस, बीपी के साथ 30 प्रतिशत और निको के साथ 10 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले एक संयुक्त उपक्रम के तहत कर रही थी। इसमें उसकी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। उत्पादन बंद किए जाने के बाद इस क्षेत्र को सुरक्षित तौर पर बंद किए जाने के लिए काम जारी है।
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