मुंबई| अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस को 16 और विनिर्माण लाइसेंस मिले हैं, जिसके बाद कंपनी छोटे हथियारों, भारी हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, मिसाइल, मानव रहित वाहन और लेसर प्रणाली का सभी तरह के रक्षा इस्तेमाल के लिए निर्माण कर पाएगी।
कंपनी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि 16 नए लाइसेंसों में 11 थल सेना के इस्तेमाल के लिए, तीन नौसेना के इस्तेमाल के लिए और बाकी दो सभी तरह के इस्तेमाल के लिए मिले हैं। इस बयान में कहा गया कि नए 16 लाइसेंसों को मिलकार रिलायंस डिफेंस के पास कुल 27 लाइसेंस हो गए हैं। इससे कंपनी रक्षा इस्तेमाल के लिए सभी तरह का निर्माण करने में सक्षम हो गई है।
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रिलायंस डिफेंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस लैंड सिस्टम मिसाइल, विस्फोटकों, भारी हथियारों और टैंक आदि का निर्माण करेगी, जबकि रिलायंस एसईजी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, डायरेक्ट एनर्जी वेपन सिस्टम और गाइडेड लेसर सिस्टम का निर्माण करेगी। कंपनी ने बताया कि इन क्षेत्रों के प्रमुख कार्यक्रमों में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का बजटीय आवंटन किया गया है। भारतीय सेना अगले 10-15 सालों में विभिन्न युद्ध वाहनों पर अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। डिफेंस एक्यूजिसन कौंसिल (डीएसी) ने पहले ही 40,000 करोड़ रुपए के एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली 17,000 करोड़ रुपए के एयर डिफेंस गन और 15,800 करोड़ रुपए के माउंटेड गन सिस्टम की खरीद को मंजूरी दे दी है।
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