नई दिल्ली। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली संकटग्रस्त रिलायंस कैपिटल ने सोमवार को बताया कि उसने कर्ज देने वाली अपनी दो इकाइयों को दिसंबर तक बंद करने का फैसला किया है। रिलायंस कैपिटल बीमा और म्यूचुअल फंड आदि क्षेत्र में भी सक्रिय है।
रिलायंस कैपिटल की इन दो इकाइयों रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस की कुल संपत्ति 25,000 करोड़ रुपए से अधिक है। यह दूसरा कारोबार है, जिससे अनिल अंबानी की अगुवाई वाला समूह बाहर निकलने जा रहा है।
दो साल पहले समूह ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को बंद कर दिया था और अब यह कंपनी दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। समूह की रक्षा विनिर्माण कंपनी रिलायंस नेवल भी वित्तीय संकट का सामना कर रही है। अंबानी ने सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को बताया कि कारोबार में बदलाव के हिस्से के रूप में, रिलायंस कैपिटल ने कर्ज देने के कारोबार से बाहर निकलने का फैसला किया है। हमारी दोनों कर्ज देने वाली इकाइयां रिलायंस कमर्शियल और रिलायंस होम फाइनेंस ऋण समाधान योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए सभी ऋणदाताओं और अन्य हितधारकों के साथ काम कर रही हैं। समाधान योजना के दिसंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि ऋण कारोबार को बंद करने के बावजूद रिलायंस कैपिटल इन कंपनियों की वित्तीय शेयरधारक बनी रहेगी ताकि नए प्रबंधन के तहत शेयरधारकों की संपत्ति का मूल्य बढ़े और रिलायंस कैपिटल का कर्ज 25,000 करोड़ रुपए तक घट जाए। अंबानी ने कहा कि समूह ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में संकट, रेटिंग एजेंसी एवं ऑडिटरों की तर्कहीन कार्रवाई और आर्थिक सुस्ती को ऋण कारोबार से बाहर निकलने की वजह बताया।
उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थों के लिए अफवाह फैलाने और अंधाधुंध बिकवाली ने शेयरधारकों को प्रभावित किया। अंबानी ने दावा किया है कि उनके समूह को नियामकीय एवं मध्यस्थता मामलों में 60,000 करोड़ रुपए से अधिक मिलने हैं, जो पिछले पांच से दस सालों से लंबित है।
अंबानी ने कहा कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के पास पर्याप्त पूंजी है और उसका मूल्य 8,000 करोड़ रुपए है, जबकि रिलायंस लाइफ के एक करोड़ से ज्यादा पॉलिसी धारक हैं। उन्होंने कहा कि रिलायंस लाइफ में उनके 51 प्रतिशत शेयर का मूल्य 7000 करोड़ रुपए है।
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