Reliance-Aramco सौदे में इस वजह से हो रही है देरी, जानिए कब होगी ये डील पूरी
देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2019 में घोषणा की थी कि ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अरामको के साथ बातचीत चल रही है।
नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा अरामको (Aramco) की वार्षिक 75 अरब डॉलर का लाभांश देने की प्रतिबद्धता के चलते सऊदी अरब की कंपनी के रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (Reliance Industries Ltd) की ऑयल-टू-केमिकल यूनिट (O2C) के साथ होने वाले सौदे में देर हो रही है। अरामको द्वारा रिलायंस की तेल-से-रसायन इकाई (ओ2सी) में हिस्सेदारी खरीदी जानी है, लेकिन अभी तक यह सौदा पूरा नहीं हो पाया है। अनुसंधान कंपनी जेफ्रीज की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2019 में घोषणा की थी कि ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अरामको के साथ बातचीत चल रही है। इसमें गुजरात के जामनगर की दो तेल रिफाइनरियां और पेट्रोरसायन परिसंपत्तियां शामिल हैं। यह सौदा मार्च, 2020 तक पूरा होना था, लेकिन इसमें विलंब हुआ। हालांकि, दोनों ही कंपनियों ने विलंब की कोई वजह नहीं बताई है।
जेफ्रीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की दिग्गज सऊदी अरामको ने हाल में भारत और चीन में मूल्यवर्धन की उत्तरवर्ती कड़ियों में निवेश पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। रिलायंस के ओ2सी कारोबार में निवेश के जरिये वह चीन में इस मॉडल को दोहराना चाहती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अरामको की 75 अरब डॉलर की लाभांश की प्रतिबद्धता की वजह से इस सौदे में विलंब हुआ है।
65 डॉलर के भाव पर कच्चे तेल के पहुंचने पर हो सकता है सौदा
जेफ्रीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हमारा विचार है कि कच्चे तेल के 65 डॉलर प्रति बैरल के दाम यह सौदा होने की दृष्टि से पर्याप्त है। रिलायंस ने सऊदी अरामको के साथ समझौता होने के बाद 2019 में अपने ओ2सी कारोबार का मूल्याकंन 75 अरब डॉलर आंका था। मोर्गन स्टेनली ने भी कहा है कि सऊदी अरामको अभी भी रिलायंस के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।
जेफ्रीज ने कहा है कि अरामको के पास चीन के झेजियांग प्रांत स्थित सबसे बड़े ओ2सी प्रोजेक्ट में लंबी अवधि तक क्रूड सप्लाई एग्रीमेंट के साथ इक्विटी हिस्सेदारी है और उसकी योजना रिटेल आउटलेट्स के नेटवर्क को स्थापित करने की भी है। इसकी सिनोपेक के साथ फ्यूल रिटेलिंग ज्वॉइंस वेंचर भी है, जो 1,000 रिटेल आउटलेट्स का परिचालन करती है। ऐसा ही सौदा भारत में रिलायंस के साथ हो सकता है।
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