बार्सिलोना। ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने आरोप लगाया है कि भारत में पिछले दो सालों में टेलीकॉम रेगूलेशन से जुड़े जो भी नियम बने हैं, वह रिलायंस जियो को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों के खिलाफ हैं।
वोडाफोन भारत में आदित्य बिड़ला समूह की टेलीकॉम इकाई आइडिया के साथ मिलकर वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड का परिचालन कर रही है। रीड ने कहा कि भारत में वोडाफोन का कारोबार बेहद बुरे दौर से गुजरा है। लेकिन अब कंपनी की स्थिति ठीक है और वह नेटवर्क पर निवेश करने की योजना पर काम कर रही है।
रीड ने कहा कि भारत में अभी मोबाइल सर्विस की शुल्क दर सबसे निचले स्तर पर है और यह ज्यादा दिन चलने वाली स्थिति नहीं है। रीड ने कहा कि बाजार की तीनों प्रमुख कंपनियां नकदी संकट से जूझ रही हैं। अभी पूरी दुनिया में भारत में कीमतें सबसे कम हैं। यहां ग्राहक औसतन 12जीबी इंटरनेट का उपयोग उस कीमत पर कर रहे हैं, जो कहीं भी दिखाई नहीं देती है। अंत में कीमतें बढ़ेंगी, हालांकि यह बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेंगी लेकिन इनमें थोड़ा सुधार होगा।
दिसंबर 2018 के अंत तक वोडाफोन-आइडिया पर कुल ऋण 1,23,660 करोड़ रुपए था। रीड ने कहा कि मौजूदा समय में बाजार में भारी छूट का दौर है। हम बेहतरीन 4जी सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। 5जी सेवा को पेश करने के लिए यह बहुत जल्दबाजी होगी।
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