नई दिल्ली। भारत में नई नौकरी तलाशने का सबसे कारगर तरीका अभी भी रिफरेंस है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के सर्वे में 70 फीसदी भारतीयों ने कहा कि नई नौकरी ढूंढने के लिए रिफरेंस (मित्रों और परिवार) इंटरनेट के मुकाबले अधिक प्रभावी है। इसके अलावा 85 फीसदी लोगों ने कहा कि वह नई नौकरी के लिए रिफरेंस का इस्तेमाल करते हैं, जबकि सिर्फ 10 फीसदी लोग इंटरनेट वेबसाइटों को नौकरी ढूढ़ने का जरिया बनाते हैं।
इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य रोजगार की तलाश करते लोगों का अनुभव और धारणा को जानना था। बीसीजी ने सर्वे और डेटा प्रोवाइडर इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर 13 देशों में 13,000 लोगों का इंटरव्यू किया है। इसमें 1300 भारतीय लोग शामिल हैं।
बीसीजी सर्वे में पाया गया कि लोगों पर राष्ट्रीय नीतियों, अर्थशास्त्र और संस्कृति का प्रभाव पड़ा है। हालांकि, अन्य सभी देशों के 25 से 52 फीसदी लोगों ने कहा कि नई नौकरी के लिए इंटरनेट सबसे प्रभावी है। इंटरनेट की पहुंच भारत में अभी भी दूसरे देशों के मुकाबले करीब 20 फीसदी कम है। बहरहाल, अगले एक महीने में इंटरनेट यूजर्स के मामले में भारत, अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) और मार्केट रिसर्च फर्म IMRB इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 40.2 करोड़ हो जाएगी। सर्वे में इस बात का भी पता चला है कि भारत में नौकरी बदलने पर 51 फीसदी लोगों की सैलरी में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होती है, जबकि चीन के 76 फीसदी लोगों ने माना है कि नौकरी बदलने पर सैलरी बढ़ जाती है।
देश में नौकरी बदल कर 90 फीसदी लोग खुश होते हैं
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