नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद का नया रिकॉर्ड हासिल किया है। प्रदेश सरकार के मुताबिक बीते 12 दिनों में किसानों से एक लाख मी. टन गेहूं खरीदा गया है। सरकार ने कहा किए कोरोना संकट को देखते हुए इस बार कई नई पहल की गई हैं। जिसमें खेत से 10 किलोमीटर के दायरे में खरीद, भीड़ कम से कम हो इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शामिल है।
राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की गई है। 12 दिन की अवधि में एक लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का रिकार्ड बन गया है। राज्य सरकार ने 25,53,804 धान किसानों को 23328.80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है। आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 33,45,065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की। प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिये खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया है।
यूपी की योगी सरकार पहले ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद का खास तोहफा दिया है। इससे गेहूं खरीद में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है। देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है। प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल कर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया। किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया। यूपी सरकार ने गेंहू खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल कर क्रांति लाने का काम किया। इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसानों को उनके अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में मिलना शुरू हो गया। राज्य सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,975 रुपये किया है।
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