नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में हाल में की गई कटौती का उद्देश्य निवेश को प्रोत्साहन देना है। सुब्रमण्यम ने सोमवार को उद्योग मंडल फिक्की के यंग लीडर्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिए निजी निवेश सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में निजी निवेश सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। हम जो भी कदम उठा रहे हैं, चाहे कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती हो, या वेतन एवं औद्योगिक संबंध पर संहिता, इनका मकसद निवेश के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाना है।
उन्होंने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि के लिए निवेश बढ़ाना जरूरी है। सुब्रमण्यम ने कहा कि ऐसे में इन उपायों के क्रियान्वयन के पीछे काफी सोच विचार के साथ एजेंडा बनाया गया है और इनके नतीजे जल्द दिखेंगे।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह सात प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी। सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए सितंबर में कॉरपोरेट कर की दर को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा देश-विदेश से निवेश हासिल करने के लिए नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
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