अनुज पुरी, चेयरमैन एंड कंट्री हेड, जेएलएल इंडिया
क्या पहली बार किसी सस्ते प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच वर्षों के लिए इनकम टैक्स में अतिरिक्त छूट दी जा सकती है? बजट 2017 में इस मसले को स्पष्ट किया जाना चाहिए। इस दिशा में किया गया कोई भी प्रयास सरकार को अपने ही उद्देश्य ‘2022 तक सबके लिए आवास’ को पूरा करने में मदद करेगा। इस कदम से डेवलपरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा कि वे इस श्रेणी के लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा ऐसे प्रोजेक्ट लॉन्च करें।
होम लोन और हाउस इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स बचत की सीमा बढ़े
सरकार को होम लोन पर मिलने वाली कर कटौती की सीमा बढ़ानी चाहिए, खास तौर से महनगरों में घर खरीदने वालों के लिए तो यह सीमा बढ़ाई ही जानी चाहिए। महानगरों में घरों की कीमत को देखते हुए दो लाख रुपए की मौजूदा सीमा अपर्याप्त है। इसके अलावा हाउस इंश्योरेंस प्रीमियम पर कर की छूट मिलनी चाहिए ताकि लोगों को अपने घरों का बीमा करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसी प्रकार, आयकर में छूट की सीमा भी लगभग एक लाख रुपए बढ़ाई जानी चाहिए और इसे वित्त वर्ष की महंगाई दर से जोड़ा जाना चाहिए।
टैक्स रिपोर्टिंग स्ट्रक्चर को सरल बनाया जाए
मोदी सरकार का मंत्र अधिकतम प्रशासन का है। सरकार को आने वाले बजट में टैक्स रिपोर्टिंग स्ट्रक्चर को आसान बनाना चाहिए। इसके अलावा, नोटबंदी की प्रक्रिया के बाद होने वाले लाभों को आम लोगों तक टैक्स स्लैब बढ़ा कर और छूट में बढ़ोतरी के जरिए पहुंचाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ पाने वालों के संदर्भ में स्पष्टता की है जरूरत
सरकार ने हाल ही में कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 लाख रुपए तक के होम लोन लेने वालों को ब्याज दरों में 3 फीसदी की और 9 लाख तक लोन लेने वालों को 4 फीसदी की छूट मिलेगी। अब, दो इनकम श्रेणी वाले लोग ब्याज दर में छूट के साथ ज्यादा होम लोन ले सकेंगे। इस बजट में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि होम लोन की ब्याज दरों में छूट पाने के वास्तविक हकदार कौन होंगे।
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