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Homeless Sector: रीयल्टी सेक्टर में मंदी का लंबा दौर होगा खत्म, 2016 में रीयल इस्टेट कानून बदलेगा तस्वीर

आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 1.25 फीसदी की कटौती और एफडीआई नियमों में ढील के साथ-साथ सभी के लिए घर और स्मार्ट सिटी योजना से रीयल्टी को बड़ी उम्मीद है।

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नई दिल्ली। रीयल्टी सेक्टर में मंदी का लंबा दौर खत्म होने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में 1.25 फीसदी की कटौती और एफडीआई नियमों में ढील के साथ-साथ सभी के लिए घर और स्मार्ट सिटी योजना से बड़ी उम्मीद है। साल 2015 रीयल्टी सेक्टर के लिए बेहद खराब साबित बहुआ है। जानकारों का कहना है कि कीमतों में 15-20 फीसदी की कमी और ब्याज दरों में कई बार कटौती के बावजूद इस साल मकानों की बिक्री में स्थिर रही। सेक्टर को अब रीयल इस्टेट कानून से काफी उम्मीद है।

रीयल एस्टेट कानून का इंतजार

प्रोपर्टी डेवल्पर और कंसल्टेंट्स को उम्मीद है कि नया रीयल एस्टेट कानून 2016 में उम्मीदों की नई रोशनी लेकर आएगा और इस क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता सुनिश्चित करेगा। प्रस्तावित कानून को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इसे अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा। इस कानून से ग्राहकों का भरोसा बहाल हो सकता है जो कि मकान सौंपने में पांच पांच साल तक की देरी के कारण निराश हो चुके हैं और इसके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन से लेकर अदालतों के दरवाजा तक खटखटा चुके हैं।

पिछले साल के बराबर रहेगी बिक्री

प्रोपर्टी कंसल्टेंट फर्म जेएलएल के अनुसार सात प्रमुख शहरों के प्राथमिक बाजारों में मकानों की बिक्री पिछले साल 1.75 लाख इकाई रही थी। इसके 2015 में भी उसी स्त पर रहने का अनुमान है। इस साल के पहले नौ महीने में हालांकि यह थोड़ी घटकर 1.16 लाख इकाई रही। कंसल्टेंट्स कंपनी नाइट फ्रेंक इंडिया के अनुसार इस साल नए मकानों की पेशकश में बहुत गिरावट आई और आठ बड़े शहरों में अब भी छह लाख से अधिक मकान अनबिके पड़े हैं। डेवल्परों ने इस साल ग्राहकों को रिझाने के तमाम प्रयास किए जिनमें भुगतान के विभिन्न विकल्पों, छूट, उपहार व आसान भुगतान की सुविधा जैसी पेशकशें शामिल हैं। लेकिन संभावित ग्राहकों ने कीमतों में और नरमी की उम्मीद में अभी देखो और इंतजार करो की नीति अपनाए रखी।

रीयल्टी में अगले साल बदलाव की उम्मीद

रीयल्टी कंपनियों को 2016 में हालात में बदलाव की उम्मीद है। उन्हें इस लिहाज से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में 125 आधार अंक की कटौती और सरकार द्वारा एफडीआई नियमों में ढील के साथ साथ सभी के लिए आवास तथा स्मार्ट शहर योजना से बड़ी उम्मीद है। रीयल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा, इस साल की शुरआत बहुत खराब रही। हालांकि आवास बिक्री के लिहाज से साल का अंत काफी बेहतर रहा। कुल मिलाकर बिक्र्री 2014 जैसी ही रही। उन्होंने कहा कि मकानों की कीमतों में बीते 18 महीने में औसतन 15-20 प्रतिशत की कमी आई है। भावी परिदृश्य के बारे में आनंद ने कहा, बिक्री में लगातार स्थिर वृद्धि होगी। हम बहुत अच्छे या मजबूत 2016 की उम्मीद कर सकते हैं।

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