विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के फैसले का किया स्वागत, अब डेवलपर्स को मिलेगा सस्ता कर्ज
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
नई दिल्ली। विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की बजट घोषणा का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि डेवलपर्स को अब बैकों से तरजीही तथा सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध होगा।
बढ़ेगी घरों की आपूर्ति
- क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा कि हमें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि सरकार सभी को घर के मिशन को लेकर गंभीर है। बजट में इसके मद्देनजर कई सकारात्मक घोषणाएं हुई हैं।
- सस्ते मकानों को बुनियादी ढांचा का दर्जा मिलने से देश में घरों की आपूर्ति बढ़ेगी और इससे जुड़े लाभ भी मिल सकेंगे।
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आवास बैंक से 20,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फाइनेंस और ब्याज दरों में कमी से इस क्षेत्र के लिए अधिक फंड उपलब्ध होगा।
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- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि (DHFL) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान ने कहा कि यह पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्साहजनक बजट है और इससे मांग तथा निवेश को बढावा मिलेगा।
- सस्ते आवास को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की बजट घोषणा को एक पुरानी मांग के पूरा होने और 2022 तक सबको मकान के लक्ष्य की दिशा में सशक्त उत्प्रेरक की संज्ञ देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश में बड़ी संख्या में निर्माण गतिविधियों को बल मिलेगा।
- लोटस ग्रीन के कार्यकारी निदेशक तपन संगल ने कहा कि सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा मिलने से सभी के लिए घर के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
- निर्माण क्षेत्र के बारे में नियमों को बिल्ड अप से कारपेट क्षेत्र में बदलने से कई परियोजनाएं सस्ते मकान के तहत आ सकेंगी, विशेष रूप से चार महानगरों में।
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प्रदीप अग्रवाल, चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल
इस बजट से सरकार ने सभी सेक्टरों को काफी राहत दी है खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेट्स मिलने से से हमें रियल एस्टेट सेक्टर में भी काफी विकास होता नज़र आएगा। इसके साथ ही सरकार ने जो मध्यम वर्गीय लोगों में टैक्स से राहत दी है उनके लिए अब एक घर होना और भी आसान हो सकेगा, जिससे की अब अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड और भी बढ़ेगी।
अभिषेक बंसल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, पैसिफ़िक ग्रुप
इस बजट से सरकार ने हर सेक्टर को ध्यान में रखते हुए फ़ैसले लिए हैं। सबसे ख़ास बात यह है कि अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड बढ़ेगी और टियर 2 शहरों में भी हाउसिंग फॉर ऑल योजना ज्यादा कारगर होगी। अफोर्डेबल हाउसिंग को इन्फ्रास्ट्रक्चरल स्टेटस मिलने से अब इंडस्ट्री को अच्छी रफ़्तार मिलने वाली है। टैक्स दरों में राहत मिलने से अब मध्य वर्गीय परिवार आसानी से अपना घर खरीद सकेंगे।
राकेश यादव, चेयरमैन, अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप
इस साल के बजट में हर दृष्टिकोण से रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। पिछले साल हाउसिंग फॉर ऑल को गति मिली और साथ ही कई अहम् बिल भी पास हुए। इस साल बजट में बुनियादी संरचना से जुड़े महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। हालांकि इस बजट में सरकार को सिंगल विंडो क्लिअरेंस पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए था, जिसमे कोई भी निर्णय नहीं लिया गया।
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर, अंसल हाउसिंग
अफोर्डेबल हाउसिंग और हाउसिंग फॉर ऑल, रियल एस्टेट के लिए सरकार के इस बजट में दो मुख्य मुद्दे रहे। फिलहाल प्रधान मंत्री अवास योजना का लाभ केवल ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लोगो तक ही सिमित है, पर कम दामों के घरों की मांग देश में सभी वर्ग के लोगो को है। सरकार के 2019 तक के 1 करोड़ घर की टारगेट अफोर्डेबल हाउसिंग को काफी बढ़ावा देगी। कुल मिलाकर इस बार के बजट में आम जनता के लिए सरकार द्वारा सराहनीय कदम लिए गए हैं और यह पूरे तरीके से देश के विकास में भी कारगर होगा।
अवनीश सूद, डायरेक्टर, ईरोस ग्रुप
इस साल के बजट में हर दृष्टिकोण से रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। इस बजट के बाद होने वाली टैक्स दरों में कटौती से यह साफ़ तौर से नज़र आ रहा है की सरकार के “हाउसिंग फॉर ऑल” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इनकम टैक्स स्लैब्स में छूट से आम आदमी के लिए अब फ्लैट खरीदना ज्यादा आसान हो गया है |
अशोक गुप्ता, सीएमडी, अजनारा इंडिया लिमिटेड
बजट 2017-2018 से लोगों ने जितनी उम्मीद की थी उससे और भी बेहतर नतीजें सामने आये हैं। टैक्स से राहत और इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट से रियल एस्टेट सेक्टर को अच्छी बूस्ट मिलने वाली है। इसमें कोई शक नही है की अब घरों की डिमांड और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट की अगर बात करें तो यह सभी वर्गों के लिए सरकार द्वारा सबसे लाभकारी कदम उठाए गए हैं।
विकास भसीन, एमडी, साया ग्रुप
2017 का बजट आम जनता के लिए खुशियों से भरा रहा। हाल ही में प्रधान मंत्री ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के तहत बड़ी घोषणाएं की और ईडब्लूएस एवं एलआईजी वर्ग के लोगों को घर खरीदने की तरफ प्रेरित किया, साथ ही साथ साल के शुरुआत में कई बैंको ने भी अपने ब्याज दरों में कटौती की। कुल मिलाकर सभी संकेत सेक्टर के लिए अच्छे नज़र आ रहे हैं।
दीपक कपूर , प्रेसिडेंट- क्रेडाई पश्चिमी उप्र एवं डायरेक्टर, गुलशन होम्ज़
अफोर्डेबल हाउसिंग और हाउसिंग फॉर ऑल, रियल एस्टेट के लिए सरकार के इस बजट में दो मुख्य मुद्दे रहे। कुल मिलाकर इस बार के बजट में आम जनता के लिए सरकार द्वारा सराहनीय कदम लिए गये हैं और यह पूरे तरीके से देश के विकास में भी कारगर होगा।
टाटा हाउसिंग के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ब्रोटिन बनर्जी ने कहा
संस्थागत वित्तपोषण के लिए आसान तथा प्रतिबद्ध पहुंच, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज के लिए ऊंची सीमा से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सकेगा और देश में सस्ते मकानों का क्षेत्र आगे बढ़ सकेगा।
सीबीआरई के चेयरमैन भारत व दक्षिण पूर्व एशिया अंशुमान मैगजीन ने कहा
हमने बजट के पूरे ब्योरे को देखा नहीं है लेकिन प्राथमिकता ऋण तक पहुंच के लिए यह अच्छा कदम है। इससे विभिन्न शहरों में सस्ते मकानों की आपूर्ति बढ़ेगी। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटन बढ़ाया है। इससे घर के खरीदारों को प्रोत्साहन मिलेगा और निजी खिलाडि़यों की भागीदारी बढ़ेगी।
पैरामाउंट ग्रुप के ईडी अश्वनी प्रकाश ने कहा कि
- 2017 का बजट आम जनता के लिए खुशियों से भरा रहा।
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के तहत बड़ी घोषणाएं की और ईडब्लूएस एवं एलआईजी वर्ग के लोगों को घर खरीदने की तरफ प्रेरित किया, साथ ही साथ साल के शुरुआत में कई बैंको ने भी अपने ब्याज दरों में कटौती की।
- यानि की कुल मिलाकर सभी संकेत सेक्टर के लिए अच्छे नज़र आ रहे हैं।
- इस साल का बजट मुख्यता देश की आधारिक संरचना पर केंद्रित रहा ताकि देश के सभी छोटे क्षेत्र और शहर विकास की राह पर अन्य राज्यों एवं क्षेत्रों से बराबर जुड़ सके और आखिर में टैक्स स्लैब में बदलाव लोगों को बचत एवं रियल एस्टेट में निवेश करने में सहयोगी साबित होंगे।
अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के चेयरमैन राकेश यादव ने कहा
- इस साल के बजट में हर दृष्टिकोण से रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेग। पिछले साल हाउसिंग फॉर ऑल को गति मिली और साथ ही कई अहम् बिल भी पास हुए।
- इस साल बजट में बुनियादी संरचना से जुड़े महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी हैं।
- हालांकि, इस बजट में सरकार को सिंगल विंडो क्लिअरेंस पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए था जिसमे कोई भी निर्णय नहीं लिया गया।
- देश में जीएसटी एवं रेरा के लागू होने बाद शायद सिंगल विंडो क्लिअरेंस को भी वास्तविकता मिल सके।