नई दिल्ली। रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने मोबाइल ग्राहकों का बकाया पैसा लौटाने के दूरसंचार नियामक के निर्देश का विरोध किया है। ट्राई ने कंपनी की ‘वॉयस’ सेवा बंद होने के मद्देनजर यह निर्देश दिया है। हालांकि, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का विचार है कि ग्राहकों का पैसा वापस मांगना पूरी तरह न्यायोचित है क्योंकि यह कंपनी द्वारा सेवा को समय से पहले बंद करने से जुड़ा है। इसे सामान्य रूप से नेटवर्क बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता है।
ट्राई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह सेवा प्रदाता द्वारा सेवा बंद करने से जुड़ा मामला है, ऐसे में ग्राहकों को वह राशि मिलनी चाहिए जो खर्च नहीं हुई है।
उसने कहा कि यह स्थिति एक ग्राहक द्वारा सेवा प्रदाता बदलने जैसा नहीं है। उसमें ग्राहक एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में जाने के लिए समय का चयन स्वयं करता है।
अधिकारी ने कहा कि सेवा प्रदाता ने सेवा बंद कर दी है और इसीलिए ग्राहकों के हितों का संरक्षण जरूरी है।
रिलायंस कम्यूनिकेशन ने इस बारे में ई-मेल के जरिये पूछे गए सवालों का जवाब देने से मना कर दिया। हालांकि, मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सेवा प्रदाता ने ट्राई के 19 जनवरी के पैसा वापस करने के निर्देश को लेकर पत्र लिखकर नियमन के खिलाफ दलील दी है।
आरकॉम द्वारा लिखे पत्र के हवाले से सूत्र ने बताया कि कंपनी ने लिखा है कि हम वास्तविक नियमन से अनभिज्ञ हैं, जिसके तहत मोबाइल नंबर किसी भी कारण से दूसरे नेटवर्क पर जाने से टॉक टाइम की बची हुई राशि वापस करने का प्रावधान है, हम आपसे निर्देश वापस करने का अनुरोध करते हैं। यह बात ऐसे समय उठी है जब आरकॉम ने अपना स्पेक्ट्रम, टॉवर, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क तथा अन्य वायरलेस संपत्ति अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो को बेचने की घोषणा की है।
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