नई दिल्ली। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने रिलायंस जियो इंफोकॉम (जियो) के साथ अपनी दूरसंचार संपत्ति के बिक्री करार को समाप्त कर दिया है। आरकॉम ने आरोप लगाया है कि ऋणदाताओं की मंजूरी न मिलने और दूरसंचार विभाग द्वारा अपनी स्वीकृति न देने की वजह से यह सौदा अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाया।
आरकॉम ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि 28 दिसंबर 2017 और 11 अगस्त 2018 को आरकॉम, आरटीएल, आरआईटीएल (आरकॉम ग्रुप) और आरजेआईएल के बीच दूरसंचार संपत्ति को बेचने के लिए किया गया करार आज आपसी सहमति से रद्द कर दिया गया है।
रिलायंस टेलीकॉम (आरटीएल) और रिलायंस इंफ्राटेल (आरआईटीएल) आरकॉम की इकाई हैं और आरजेआईएल रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड की इकाई है। पिछले साल, आरकॉम ने अपने 46,000 करोड़ रुपए के कर्ज को कम करने के लिए 122.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम और 43,000 टेलीकॉम टावर्स को बेचने के लिए रिलायंस जियो के साथ एक करार किया था। इसके अलावा आरकॉम ने अपनी कुछ रीयल एस्टेट संपत्तियों की बिक्री के लिए कनाडा के ब्रुकफील्ड के साथ भी करार किया था। हालांकि, आरकॉम ने 5000 करोड़ रुपए में स्विचिंग नोड और फाइबर की बिक्री सौदे को पूरा कर लिया है।
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली दूरसंचार कंपनी आरकॉम ने सोमवार को कहा कि पिछले 15 महीनों में विभिन्न कारणों की वजह से यह करार पूरा नहीं हो पाया। आरकॉम के 40 से अधिक ऋणदाताओं ने इसके लिए अपनी मंजूरी नहीं दी। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने भी जियो-आरकॉम के विलय को अपनी स्वीकृति प्रदान नहीं की।
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