नई दिल्ली। सरकार दो उर्वरक कंपनियों राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लि. (आरसीएफ) और नेशनल फर्टिलाइजर्स लि. (एनएफएल) के शेयरों की बिक्री इस साल दिसंबर के अंत तक कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस शेयर बिक्री से सरकार को 1,200 से 1,500 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये आरसीएफ में अपनी 10 प्रतिशत तथा एनएफएल में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। अनुमान है कि इस शेयर बिक्री से सरकार को 1,200 से 1,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इस शेयर बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है।
सरकार का 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
अधिकारी ने कहा कि सरकार ने उर्वरक क्षेत्र के लिए जो कदम उठाए हैं, उनसे आगामी महीनों में शेयरों का मूल्यांकन बेहतर हो सकता है। बीएसई में शुक्रवार को आरसीएफ का शेयर 72.5 रुपये पर और एनएफएल का 53.95 रुपये पर बंद हुआ। सरकार की फिलहाल एनएफएल में 74.71 प्रतिशत तथा आरसीएफ में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार ने 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 38,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। चालू वित्त वर्ष में सरकार अबतक एक्सिस बैंक, एनएमडीसी लि.और हुडको में हिस्सेदारी बिक्री से 8,300 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।
10 मर्चेंट बैंकर करेंगे एलआईसी के आईपीओ का प्रबंधन
सरकार ने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी तथा आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज सहित 10 मर्चेंट बैंकरों का चयन जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के प्रबंधन के लिए किया है। एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। इस आईपीओ के लिए बुक रनिंग लीड प्रबंधक (बीआरएलएम) की भूमिका निभाने के लिए 10 घरेलू और अंतराष्ट्रीय कंपनियों ने 26 अगस्त को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया था। इसे देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘गोल्डमैन सैश ग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लि. कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, जेएम फाइनेंशियल लि. सिटीग्रुप इंक तथा नोमुरा होल्डिंग्स इंक सहित कुल 10 बीआरएलएम का चयन आईपीओ के प्रबंधन के लिए किया गया है।’
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