मुंबई। रिजर्व बैंक ने विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑरपेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। रिजर्व बैंक ने दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल तथा उससे जुड़ी अन्य कंपनियों को बिना सही प्रक्रिया का पालन किए ऋण आवंटित करने के मामले में सिंह की संलिप्तता मिलने पर यह सुझाव दिया था।
रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को सुझाव दिया था। हालांकि इसके बाद भी सिंह हाल तक पद पर बने रहे। रजिस्ट्रार या सिंह से इस बारे में फिलहाल संपर्क नहीं हो सका है। सूत्र ने कहा, 'रिजर्व बैंक ने 2017-18 के वार्षिक निरीक्षण में पाया कि चेयरमैन सिंह बिना उचित प्रक्रिया का पालन किये तथा नियामकीय सीमा से अधिक ऋण आवंटित कर एचडीआईएल की मदद कर रहे थे।' रिजर्व बैंक ने पीएमसी को एचडीआईएल का सारा ऋण एनपीए में दर्ज करने के लिए भी कहा था। हालांकि तब पीएमसी ने कहा था कि एचडीआईएल को सिर्फ 258 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है और उसके एवज में गारंटी रखी गयी है।
पीएमसी के पूर्व प्रबंधक के खिलाफ जल्द दर्ज हो सकती है प्राथमिकी
मुश्किलों में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के प्रशासक जल्दी ही पूर्व प्रबंधन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। रिजर्व बैंक ने पीएमसी के प्रबंधन को निलंबित कर दिया है और एक प्रशासक नियुक्त किया है।
सूत्रों के अनुसार प्राथमिकी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष दर्ज करायी जएगी। पीएमसी के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने कथित तौर पर रिजर्व बैंक के आगे स्वीकार किया कि एचडीआईएल को 6,500 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिये गये थे। यह नियामकीय सीमा का चार गुणा तथा बैंक के 8,880 करोड़ रुपये के कुल ऋण का 73 प्रतिशत है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'प्राथमिकी थॉमस के खिलाफ दर्ज होगी क्योंकि वह गलती स्वीकार कर चुका है।'
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