RBI पॉलिसी में ब्याज दर में बदलाव होने की कम उम्मीद: विशेषज्ञ
RBI ने जून में हुई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
नई दिल्ली। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की बढ़ी कीमतें तथा खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में तीव्र वृद्धि की घोषणा के बावजूद रिजर्व बैंक (RBI) अगले हफ्ते बुधवार को होने वाली मौद्रिक नीति की घोषणा में मुख्य ब्याज दर यथावत रख सकता है। RBI ने जून में हुई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मुंबई में सोमवार से शुरू होगी। वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय को एक अगस्त दोपहर में सार्वजनिक किया जायेगा। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का मानना है कि रिजर्व बैंक ऐसे मौके पर एक और बार दर में वृद्धि नहीं करने वाला है। SBI ने एक रिपोर्ट में कहा कि अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में कोई निर्णय करना काफी करीबी मामला हो सकता है, फिर भी बैंक को उम्मीद है कि नीतिगत दर में वृद्वि करने के बजाय यथास्थिति बनाये रखना बेहतर विकल्प होगा।
एसबीआई के अनुसार मुद्रास्फीति का जोखिम अभी संतुलित दायरे में है। ब्याज दर पर एडेलवीस सिक्योरिटीज ने कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में हम मौद्रिक नीति समिति से दरों में कोई बदलाव किये बिना तटस्थ रुख बनाये रखने की उम्मीद की जा रही है
हालांकि, वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस ने कहा, इस वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक आगे भी दरें बढ़ाना जारी रखेगा और अगस्त बैठक में अगली वृद्धि होगी। DBS की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि इस वित्त वर्ष में 50 आधार अंक की और वृद्धि होगी तथा अगली वृद्धि अगस्त में होगी। निजी क्षेत्र के HDFC बैंक के अनुसार, दरों में वृद्धि रिजर्व बैंक के लिए करीबी मामला होगा। हालांकि, मौद्रिक नीति समिति आगामी बैठक में दरों को यथावत बनाये रखेगी।