नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा है कि वह केंद्र सरकार को 28,000 करोड़ रुपए के अंतरिम लाभांश का भुगतान करेगा। यह फैसला आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि सीमित ऑडिट तथा वर्तमान आर्थिक पूंजी मसौदे की समीक्षा के बाद निदेशक मंडल ने 31 दिसंबर 2018 को समाप्त छमाही के लिए अंतरिम अधिशेष के रूप में केंद्र सरकार को 28,000 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। यह लगातार दूसरा साल है जब रिजर्व बैंक अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित कर रहा है।
इससे पहले, केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले चार साल में सरकार की ओर से की गई विभिन्न सुधारों और नीतिगत उपायों तथा उसके प्रभावों को रेखांकित किया।
इसी माह के शुरुआत में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई से अंतरिम लाभांश मांगना और उसे अपनी इच्छानुसार उपयोग में लाना सरकार का अधिकार है। दास ने कहा था कि अधिशेष राशि या अंतरिम लाभांश का भुगतान आरबीआई कानून का हिस्सा है। अत: हम ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं, जो कानून से अलग हो।
उल्लेखनीय है कि इस बात को लेकर भी चिंता जताई जा रही थी कि सरकार राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए लगातार दूसरे साल आरबीआई से लाभांश की मांग कर रही है। उच्च राजकोषीय घाटे को मुद्रास्फीति पर पड़ने वाले प्रभाव के रूप में देखा जाता है।
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