नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सात जून की अपनी अगली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा, लेकिन चालू वित्त वर्ष में वह ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की और कटौती कर सकता है। यह बात मॉर्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाते हुए कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर खुदरा मुद्रास्फीति में कमी आएगी और यह मार्च, 2017 तक घटकर 4.5 फीसदी पर आ जाएगी।
मॉर्गन स्टेनली की शोध रिपोर्ट में कहा गया है, हमारे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान तथा रिजर्व बैंक के वास्तविक डेढ़ से दो फीसदी के दर लक्ष्य के हिसाब से हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष में नीतिगत दरों में आधा फीसदी की और कटौती करेगा। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.39 फीसदी पर पहुंच गई। खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है। इससे पिछले कुछ माह से इसमें गिरावट आ रही थी।
दरों में कटौती के बारे में वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि रिजर्व बैंक मानसून की स्थिति और उसके बाद वास्तविक मुद्रास्फीति के रुख को देखेगा। ऐसे में इस बात की संभावना अधिक है कि वह 7 जून की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि रिजर्व बैंक द्वारा अक्टूबर की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती किए जाने की अधिक संभावना है।
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