नई दिल्ली। अगले माह आपको अपने होमलोन की EMI में थोड़ी राहत मिल सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अगले वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती कर सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले माह 5 अप्रैल को होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा हो सकती है।
फाइनेंशियल सर्विसेस प्रदाता बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि दिसंबर तिमाही में पुरानी जीडीपी ग्रोथ घटकर 4.6 फीसदी रहेगी, जो हमारे 7-7.5 फीसदी संभावित अनुमान से कम है। जनवरी से लगातार तीसरे महीने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट दर्ज की गई है, जिसकी वजह से बोफा-एमएल का प्रमुख इंडस्ट्रियल इंडीकेटर भी कमजोर हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के घटने और इंडस्ट्रियल आउटलुक के निगेटिव बने रहने से आरबीआई पर वित्त वर्ष 2016-17 की 5 अप्रैल को होने वाली पहली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दर घटाने का दबाव है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने रिसर्च नोट में कहा कि इस आधार पर हम वित्त वर्ष 2016-17 में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती के अपने अनुमान को संशोधित कर 50 आधार अंक करते हैं, जो कि पहले 25 आधार अंक था। 2 फरवरी को आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने महंगाई जोखिम और ग्रोथ की चिंता को देखते हुए प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। बैंक के मुताबिक रिकवरी में तेजी लाने की जिम्मेदारी अब केंद्रीय बैंक की है, क्योंकि सरकार अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 3.5 फीसदी रखने की प्रतिबद्धता जताई है और इसके साथ ही लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती से भी आरबीआई के पास अपनी दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है।
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