नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पर 7 करोड़ रुपए और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) की पहचान और धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन एवं अन्य प्रावधानों से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है।
केंद्रीय बैंक के अनुसार एसबीआई पर जुर्माना आय पहचान और संपत्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) नियमों, चालू खातों को खोलने और उसके परिचालन के लिए आचार संहिता, धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन और धोखाधड़ी का वर्गीकरण तथा रिपोर्टिंग से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया। जांच रिपोर्ट और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज देखने के बाद बैंक को नोटिस दिया गया था। बैंक से मिले जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद जुर्माना लगाने का निर्णय किया गया।
वहीं दूसरी ओर साइबर सुरक्षा रूपरेखा पर उसके निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि यह जुर्माना 9 जुलाई, 2019 को लगाया गया।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा है कि यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में खामियों की वजह से की गई है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी करार या लेनदेन की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। रिजर्व बैंक ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में बैंक की स्विफ्ट प्रणाली से निकले 17.1 करोड़ डॉलर मूल्य के सात धोखाधड़ी वाले संदेशों पर रिपोर्ट के बाद उसके साइबर सुरक्षा ढांचे की जांच में कई खामियां पाई गईं।
इन निष्कर्षों के बाद बैंक को नोटिस जारी किया गया। बैंक की ओर से मिले जवाब और सुनवाई के दौरान उसकी दलीलों पर गौर करने के बाद रिजर्व बैंक ने जुर्माना लगाने का फैसला किया।
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