मुंबई। देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसका मकसद डिजिटल भुगतान की मजबूती और सुरक्षा को लेकर सुझाव देना है। उल्लेखनीय है कि नीलेकणि ने ही आधार कार्ड जैसी योजना को अमलीजामा पहनाया है।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में बताया कि इस समिति में पांच सदस्य होंगे। यह समिति देश में डिजिटलीकरण के माध्यम से वित्तीय समावेशन और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित की गई है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि समिति अपनी पहली बैठक के बाद 90 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। समिति का काम देश में डिजिटल भुगतान की मौजूदा स्थिति की समीक्षा, व्यवस्था में कमियों की पहचान और उन्हें ठीक के करने के लिए सुझाव देना होगा। साथ ही समिति डिजिटल भुगतान की सुरक्षा से जुड़े सुझाव भी देगी।
नीलेकणि के अलावा समिति में आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान, विजया बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर सांसी, सूचना प्रौद्योगिकी और इस्पात मंत्रालय की पूर्व सचिव अरुणा शर्मा और आईआईएम अहमदाबाद में सेंटर फॉर इन्नोवेशन, इंक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के मुख्य नवोन्मेष अधिकारी संजय जैन शामिल हैं।
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