नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगाया है। वहीं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से दो साल में महंगाई में 1.50 फीसदी तक का दबाव पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ने 2016-17 के लिए द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा, आने वाले समय में सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) महंगाई दर में हल्की नरमी आएगी और यह 2016-17 में करीब 5.0 फीसदी के आसपास बनी रह सकती है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि हाल में बेमौसम बारिश, मानसूनी वर्षा का स्थानिक और अस्थाई वितरण और जलाशय में पानी की कमी के कारण महंगाई दर को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। रिजर्व बैंक ने कहा, कुछ सेवाओं में महंगाई दर का बना रहना उस पर नजर रखने की जरूरत को बताता है जबकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रभाव के जरिए बेसलाइन ऊपर जाएगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसका मानना है कि केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से मुद्रास्फीति अगले दो साल में 1 से 1.5 फीसदी प्रभावित होगी लेकिन यह झटका इतना मजबूत नहीं होगा जितना कि छठे वेतन आयोग के सुझावों के क्रियान्वयन के समय हुआ था। सरकार पहले ही कह चुकी है कि उसने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों तथा रक्षा सेवाओं के लिये एक रैंक एक पेंशन लागू करने को लेकर अतिरिक्त देनदारी के लिये प्रावधान किया है। वेतन आयोग की सिफारिश एक जनवरी से लागू होनी है। एक रिपोर्ट के अनुसार वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
Latest Business News