नई दिल्ली। नोटबंदी के 25 दिनों में 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बैंकों में डिपॉजिट हो चुके हैं। बैंकों में इतनी मात्रा में जमा पैसा मोदी सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकता है। क्योंकि माना जा रहा है कि जिस तेजी से लोग रकम डिपॉजिट कर रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार के सारे अनुमान फेल हो सकते हैं। जिसका सीधा असर उसके इकोनॉमी ग्रोथ में तेजी लाने की कवायद पर भी निगेटिव होगा।
अब है अनुमान फेल होने का डर
- आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 500 और 1000 के नोट 31 मार्च 2016 तक करीब 15.4 लाख करोड़ रुपए की वैल्युएशन वाले सिस्टम में चल रहे थे।
- सरकार को उम्मीद थी, कि लोगों ने 500 और 1000 जैसे बड़ी करंसी वाले नोटो के जरिए ब्लैकमनी छुपा कर रखी है।
- ऐसे नोटबंदी के फैसले से बड़ी मात्रा में ब्लैकमनी निकलेगी।
- अर्थशास्त्रियों के अनुसार इस फैसले से सरकार को करीब 3-4 लाख करोड़ रुपए की ब्लैकमनी बाहर आने की उम्मीद है।
- अब यही पर सरकार का अनुमान अब फेल होता दिख रहा है।
- ऐसा इसलिए है कि नोटबंदी के 25 दिनों में ही लोगों ने 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा करा दिए है। यानी लोगों ने बिना किसी डर के बैंकों में पैसा जमा कराया है। जो कि मोटे तौर पर अब व्हाइट दिख रही है।
वोडाफोन ने लॉन्च किया बड़ा डेटा छोटा प्राइस ऑफर, 24 रुपए में 30 दिन के लिए मिलेगा 60MB डेटा
क्या होगा नुकसान
- बैंकिंग इंडस्ट्री के अनुसार पुराने नोट जमा करने का लोगों के पास 30 दिसंबर तक मौका है।
- ऐसे में इस बात की उम्मीद है कि पूरी 15 लाख करोड़ रुपए की करंसी डिपॉजिट हो सकती है।
- ब्लैकमनी पर प्रमुख इकोनॉमिस्ट के बताते है कि करीब 95 फीसदी करंसी वापस बैंकिंग सिस्टम में पहुंच जाएगी।
- जो सरकार के उम्मीदों के विपरीत होगी। जिसका सीधे उसके सारे फ्यूचर प्लान पर इफेक्ट होगा।
तस्वीरों में देखिए इन छोटी जगहों पर भी हो रहा है Paytm का इस्तेमाल
Paytm
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
बैंकों पर होगा निगेटिव असर
- बैंकर्स के अनुसार सरकार को ऐसी उम्मीद थी जो 3-4 लाख करोड़ रुपए ब्लैकमनी के रुप में बाहर आएगी, वहीं उसके लिए बोनांजा साबित होगा।
- उस एक्स्ट्रा पैसे वह कई सारे कदम इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए उठा सकेगी।
- दूसरा बैंकों के ऊपर भी प्रेशर कम होगा।
- हालांकि इसका उल्टा असर अब बैंकों पर दिख रहा है।
- बैंकों में पैसा डिपॉजिट ज्यादा हो रहा है, जबकि कर्ज देने की एक्टिविटी कम है, ऐसे में बैंकों की कमाई पर असर हो रहा है।
Latest Business News