नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि नोटबंदी के बाद या तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) यह नहीं जानता कि वह कितने नोट छाप रहा था या फिर इस बात की जानकारी नहीं देना चाहता। द हफिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के सूचना के अधिकार (RTI) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस संदर्भ में RTI के जरिए RBI से जानकारी मांगी थी।
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तस्वीरों के जरिए समझिए क्या होता है ATM पर लिखे नंबरों का मतलब
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RBI ने यह दिया जवाब
- गलगली ने RTI के जरिए 9 नवंबर से 19 नवंबर के बीच करेंसी प्रिंटिंग की विस्तृत जानकारी मांगी थी।
- इसके जवाब में RBI ने कहा, ‘जो जानकारी आपने मांगी है वह हमारे पास उपलब्ध नहीं है।’
- RBI ने RTI एक्ट, 2005 की धारा 8(1)(जी) का भी उल्लेख किया।
- इस धारा के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की जिंदगी या सुरक्षा खतरे में होती है तो इसके आधार पर जानकारी देने से इनकार किया जा सकता है।
- अपने जवाब में RBI ने यह भी कहा कि नोटों की प्रिंटिंग BRBNMPL बेंगलुरु और SPMCL नई दिल्ली में हुई है और ये सवाल उन्हें भेज दिए गए हैं।
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NDMA के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा, RBI नहीं देना चाहता जानकारी
- गलगली ने 9 नवंबर 2016 से 19 नवंबर 2016 के बीच छपे 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 रुपए के नोटों की प्रिंटिंग के बारे में जानकारी मांगी थी।
- RBI द्वारा दिए जवाब से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के पूर्व उपाध्यक्ष एमएस रेड्डी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह RBI से सूचनाएं देने को कहे।
- रेड्डी ने कहा कि स्पष्ट तौर पर RBI जानकारी देने से बच रहा है।
- उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि कहीं ज्यादा नोटों की प्रिंटिंग कर चुनाव वाले राज्यों में तो सरकार नोट नहीं भेज रही।
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