RBI : देश का कुल बाह्य कर्ज 543 अरब डॉलर हुआ, मार्च 2019 के अंत तक 2.63 प्रतिशत बढ़ा
देश का बाहरी कर्ज मार्च 2019 के अंत तक 2.60 प्रतिशत बढ़कर 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
मुंबई। देश का बाहरी कर्ज मार्च 2019 के अंत तक 2.60 प्रतिशत बढ़कर 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण अल्पावधि ऋण, वाणिज्यिक कर्ज तथा अनिवासी भारतीय (एनआरआई) के जमा में वृद्धि होना है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि मार्च 2019 के अंत तक देश का कुल बाह्य कर्ज 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह मार्च 2018 के अंत के स्तर की तुलना में 13.7 अरब डॉलर अधिक है। बाह्य कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात मार्च 2019 के अंत में 19.7 प्रतिशत रहा। यह अनुपात मार्च 2018 के अंत में 20.10 प्रतिशत था।
रिजर्व बैंक ने कहा कि रुपया तथा अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में 16.7 अरब डॉलर का फायदा हुआ। यदि इसे हटा दिया जाये तो मार्च 2018 की तुलना में मार्च 2019 में बाह्य कर्ज में हुई वृद्धि 13.70 अरब डॉलर के बजाय 30.40 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि कुल बाहरी कर्ज में वाणिज्यिक कर्ज का सर्वाधिक 38 प्रतिशत योगदान रहा। इसके बाद एनआरआई जमा की 24 प्रतिशत और अल्पावधि ऋण की 18.90 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
भारतीय कंपनियों ने विदेशों से मई में जुटाया 3.55 अरब डॉलर का कर्ज
भारतीय कंपनियों ने इस वर्ष मई में विदेशी बाजारों से 3.55 अरब डॉलर (करीब 24,500 करोड़ रुपये) का कर्ज जुटाया । यह मई 2018 की तुलना में ढाई गुना से ज्यादा है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
एक साल पहले की इसी अवधि में भारतीय कंपनियों ने विदेशी बाजारों से 1.35 अरब डॉलर से कुछ अधिक कर्ज जुटाया था। आंकड़ों के मुताबिक इस बार मई के दौरान 2.83 अरब डॉलर बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) स्वत : स्वीकृत मार्ग से और 65.30 करोड़ रुपये मंजूरी लेकर जुटाई गई।
आलोच्य माह में विदेशी कर्ज जुटाने वाली प्रमुख कंपनियों में ईसीएल फाइनेंस लिमिटेड (50 करोड़ डॉलर), दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (50 करोड़ डॉलर), इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (35 करोड़ डॉलर), टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज (25 करोड़ डॉलर) और चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी (18 करोड़ डॉलर) शामिल हैं। इन कंपनियों ने स्वत : मार्ग से पूंजी जुटाई है।