मुंबई: RBI ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अनुकूल मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करेगी जो सरकार के 7-7.5 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान के उपरी स्तर से थोड़ी कम है। सामान्य मानसून, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और समान रैंक, समान पेंशन लागू किए जाने से उपभोग मांग को प्रोत्साहन और उदार मौद्रिक नीति बरकरार रहने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान वृद्धि में उतार चढ़ाव भरे सुधार के बाद अब स्थिति 2016-17 में धीरे-धीरे और मजबूत होगी।
RBI ने 2016-17 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति में कहा, 2016-17 के लिए वृद्धि दर सकल मूल्यवद्रि्धत वृद्धि को 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है जिसमें जोखिम संतुलित रखा गया है। लगातार दो साल बारिश होने के बाद सामान्य मानसून सकारात्मक आपूर्ति झटका देगा, ग्रामीण मांग बढ़ेगी और कृषि उत्पादों की आपूर्ति बढ़ेगी जिससे मुद्रास्फीति भी प्रभावित होगी।
RBI ने कहा कि हालांकि कम लागत का खत्म होता असर, कार्पोरेट क्षेत्र पर दबाव बरकरार रहने, बैंकिंग प्रणाली का जोखिम खत्म होने और कमजोर वैश्विक वृद्धि और व्यापार परिदृश्य आने वाले दिनों में वृद्धि के लिए जोखिम होगा। वित्त मंत्रालय ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7-7.75 प्रतिशत रहेगी। एशियायी विकास बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
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