नई दिल्ली। सरकार की तरफ से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में तीन सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि समिति की अगली बैठक सात अक्ट्रबर से शुरू होगी। रिजर्व बैंक ने 28 सितंबर को एमपीसी की बैठक को आगे के लिए टाल दिया था। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को आगे टालना पड़ा।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी वक्तव्य में कहा कि मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 7 से 9 अक्ट्रबर 2020 को तय की गई है। सरकार ने एमपीसी में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। तीन जानेमाने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सदस्यों की नियुक्ति चेतन घाटे, पामी दुआ, रविन्द्र ढोलकिया के स्थान पर की गई है। इनकी नियुक्ति एमपीसी में 29 सितंबर 2016 को चार साल के लिए की गई थी।
भारतीय कंपनियों के अगस्त में विदेशी बाजार से कोष जुटाने में 47 प्रतिशत गिरावट
भारतीय कंपनियों की विदेशी बाजारों से उधारी अगस्त में 47 प्रतिशत से अधिक गिरकर 1.75 अरब डॉलर रही। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को इस संबंध में आंकड़े जारी किए। भारतीय कंपनियों ने अगस्त 2019 में विदेशी बाजारों से कुल 3.32 अरब डॉलर का बाह्य वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) जुटाया था। ईसीबी भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी बाजारों से पूंजी जुटाने का एक तरीका है। इसके तहत विदेशी ऋणदाता विदेशी मुद्रा में भारतीय कंपनियों को ऋण उपलब्ध कराते हैं।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में ईसीबी के माध्यम से भारतीय कंपनियों ने कुल 1.61 अरब डॉलर की राशि जुटायी। बाकी 14.57 करोड़ डॉलर की राशि मसाला बांड से जुटायी गयी। ईसीबी श्रेणी में विभिन्न कंपनियों ने 1.57 अरब डॉलर की राशि स्वत: मंजूरी मार्ग से जबकि 3.59 करोड़ डॉलर अनुमति प्राप्त कर जुटाए गए हैं। स्वत: मंजूरी मार्ग से धन जुटाने वाली प्रमुख कंपनियों में रिलायंस सिबर एलास्टोमर्स ने 33.94 करोड़ डॉलर, विजयपुरा टोलवे ने 16 करोड़ डॉलर और चाइना स्टील कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 10.4 करोड़ डॉलर की राशि जुटायी। इसके अलावा बीएमडब्ल्यू इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेस, बिड़ला कार्बन इंडिया, विस्ट्रॉन इंफोकॉम मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि भी ईसीबी से धन जुटाने वाली कंपनियों में शामिल रही।
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