नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक पर जोखिम वाले क्षेत्रों को ऋण देने और ऊंची लागत की जमा जुटाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इलाहाबाद बैंक ने सोमवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि इससे कुछ दिन पहले ही केंद्रीय बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक पर भी इसी तरह की पाबंदियां लगाईं थीं। केंद्रीय बैंक ने यह कदम त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) करते हुए उठाया है।
शेयर बाजार को दी जानकारी में इलाहाबाद बैंक ने बताया कि रिजर्व बैंक ने बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात और कर्ज अनुपात की स्थिति को देखते हुए यह अतिरिक्त कदम उठाए हैं। पहले से ही पीसीए प्रक्रिया से गुजर रहे इलाहाबाद बैंक से रिजर्व बैंक ने उच्च जोखिम वाले कर्ज में कमी लाने और ऐसी परिसंपत्तियों को कर्ज देने से बचने के लिए कहा है।
RBI puts deposit and lending restrictions on Allahabad Bank
इसी बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक ऊषा अनंतसुब्रहमण्यम को पद से हटाने की कार्रवाई शुरु कर दी है। उन पर यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर करने के बाद शुरु की गई है। उल्लेखनीय है कि यह आरोपपत्र पीएनबी में हुए 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में दायर किया गया है।
उनके खिलाफ इस कार्रवाई को इलाहाबाद बैंक का निदेशक मंडल अंजाम देगा। ऊषा पिछले साल 5 मई तक पीएनबी की प्रबंध निदेशक थीं।
पीसीए के पिछले साल जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार यदि कोई बैंक ‘तीसरे दौर की जोखिम सीमा’ में प्रवेश करता है तो उसका किसी अन्य बैंक में विलय या पुनगर्ठन किया जा सकता है अथवा उसे बंद भी किया जा सकता है। पीसीए के तहत बैंक पर कई तरह की रोक लगा दी जाती हैं।
कमजोर वित्तीय स्थिति के चलते कुल 21 में से 11 सरकारी बैंक इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। इन 11 बैंकों में इलाहाबाद बैंक दूसरा ऐसा बैंक है जिस पर इस तरह की रोक लगाई गई है।
इलाहाबाद बैंक ने पिछले सप्ताह ही अपने वित्तीय परिणाम जारी किए जिसमें मार्च में समाप्त तिमाही में उसका एकल शुद्ध घाटा बढ़कर 3,509.63 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। ऐसा बैंक की तरफ से उसके फंसे कर्ज के एवज में प्रावधान तीन गुणा से अधिक बढ़ने की वजह से हुआ।
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