नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ऐसे लोन डिफॉल्टर्स की लिस्ट को अंतिम रूप देने के चरण में है, जहां शोधअक्षमता और दिवाला कानून के तहत निपटान की आवश्यकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को यह बात कही। सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार और सरकारी बैंकों के आपस में विलय पर विचार कर रही है, हालांकि आज की बैठक में इस मुद्दें पर चर्चा नहीं की गई।
पिछले महीने सरकार ने 150 अरब डॉलर के समस्याग्रस्त बैंक ऋण के समाधान हेतु नए कानून की घोषणा की थी। सरकार ने आरबीआई को बैंकों को दिवालियापन कोड के प्रावधानों के तहत एक दिवालिया होने के मामले में एक दिवालियापन प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देशित करने के लिए अधिकृत किया है।
जेटली ने बतया कि वित्त वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक बैंकों ने 574 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों को 17,993 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2014-15 में सरकारी बैंकों को कुल 37,823 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
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