वित्त मंत्री निर्मला निर्मला सीता रमण के आम बजट के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए लोगों को रिजर्व बैंक की ओर से भी निराशा हाथ लगी है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया है। अभी रेपो दर चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए जीडीपी दर 10.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की तीन दिन की चर्चा के बाद आज पाॅलिसी की घोषणा की है। आम बजट 2021-22 पेश होने के बाद यह एमपीसी की पहली समीक्षा बैठक है।
.केंद्रीय बैंक पिछले साल फरवरी से अब तक बीते एक साल में रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती की चुका है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था। उस समय मांग को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का इंतजार किए बिना ही दरों में कटौती की थी। .बजट में अगले वित्त वर्ष में रोजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.8 प्रतिशत रखा गया है। इसका आशय है कि सरकार को अधिक कर्ज लेना होगा। ऐसे में रिजर्व बैंक के लिए नरम ब्याज दर के रुख को लंबे समय तक जारी रखना चुनौतीपूर्ण होगा। रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए पैसा उधार देता है।
.पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में एमपीसी ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। अभी रेपो दर चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है। .ब्याज में कटौती की उम्मीद कम होने के बावजूद केंद्रीय बैंक से बाजार को अपेक्षा है कि वह पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने का प्रबंध करेगा। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन के लिए कर्ज की उपलब्धता जरूरी है।
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