नई दिल्ली। RBI के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) मंगलवार (4 अक्टूबर) को अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकती है। समिति को मुद्रास्फीति से जुड़े और आंकड़ों का अभी इंतजार है। यह बात विशेषज्ञों ने कही है। चार अक्टूबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा छह सदस्यीय एमपीसी के साथ-साथ गवर्नर पटेल की पहली समीक्षा है।
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरपी मराठे ने कहा, मुझे नहीं लगता कि RBI नीतिगत दर में बदलाव करने जा रहा है क्योंकि थोक मूल्य सूचकांक और खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित दोनों मुद्रास्फीति बहुत नरम नहीं हुई हैं।
- खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में पांच महीने के निम्न स्तर 5.05 प्रतिशत पर आ गई लेकिन थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दो साल के उच्च स्तर 3.74 प्रतिशत रही।
- अगस्त में गिरावट से पहले दोनों खुदरा एवं थोक कीमत सूचकांक आधारित महंगाई दरों में लगातार वृद्धि हो रही थी।
- सरकार ने अगस्त में रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति मसौदा समझौते के तहत अगले पांच साल के लिए दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत महंगाई दर का लक्ष्य रखा।
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वह पटेल ही हैं जिन्होंने RBI के लिए मुद्रास्फीति पर जोर देने की बातों पर बल दिया। उस समय वह पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के डिप्टी थे। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि इसकी संभावना कम ही है कि वह खासकर लक्षित मुद्रास्फीति के मसौदे के तहत कीमत वृद्धि को लेकर अपने रुख में कोई बदलाव लाएंगे।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अरुण तिवारी ने कहा, इसकी संभावना कम ही है कि RBI इस समय नीतिगत दर में कटौती करे।
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