नई दिल्ली। नीतिगत दरों में कटौती का चक्र अभी खत्म नहीं हुआ है, भारतीय रिजर्व बैंक 2017 में 25 से 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर आगे भी नियंत्रित बनी रहेगी। आरबीआई ने 7 दिसंबर को जनवरी-मार्च तिमाही में महंगाई बढ़ने की आशंका और नोटबंदी से वृद्धि दर प्रभावित होने के चलते दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 जीवीए के लिए सीएसओ के अग्रिम अनुमानों के हिसाब से फरवरी में दरों को स्थिर बनाए रखने की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। यदि सीएसओ का जीवीए के लिए अग्रिम अनुमान तीसरी तिमाही में आरबीआई के अनुमान की तुलना में वृद्धि दर कम रहती है तो आरबीआई फरवरी में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।
आरबीआई ने नोटबंदी के बाद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.6 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है। हालांकि, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुमान मुताबिक नोटबंदी का असर ग्रोथ पर बहुत ज्यादा होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मीडियम टर्म में लाभ होगा, लेकिन शॉर्ट टर्म में होने वाले व्यवधान से वित्त वर्ष 2016-17 की वास्तविक जीवीए ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-मार्च का महंगाई दर का लक्ष्य 5 फीसदी है जिसे आराम से हासिल किया जा सकता है। यह आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप है जिससे उसे चालू वित्त वर्ष में 25 से 50 आधार अंकों की कटौती की गुंजाईश मिल जाएगी। आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 8 फरवरी 2017 को होगी।
Latest Business News