नयी दिल्ली। जून में बढ़ती महंगाई के बावजूद रिजर्व बैंक (RBI) अगस्त में होने वाली समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। वैश्विक वित्तीय सेवा इकाई बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (BofaML) के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई जून में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो सकती है। लेकिन इसके बावजूद RBI नौ अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। बेहतर मानसून से खाद्य मुद्रास्फीति काबू में आ सकती है।
बोफा-एमएल ने एक शोध रिपोर्ट में कहा, गर्मियों में रबी फसल की खराब स्थिति से जून में सीपीआई मुद्रास्फीति बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है जो इससे पूर्व महीने में 5.8 प्रतिशत थी। अच्छी खबर यह है कि बारिश खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में करने को तैयार है, इससे नौ अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा हम नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की अपनी बात दोहरा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि RBI के गवर्नर रघुराम राजन ने मुद्रास्फीति दबाव का हवाला देते हुए जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि अगर मानसून से मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलती है तो नीतिगत दर में कटौती की जा सकती है।
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