नई दिल्ली। देश में उपभोक्ता महंगाई दर के नीचे बने रहने की उम्मीद है जिसके चलते उम्मीद लगाई जा रही है कि रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली मौद्रिक समीक्षा में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है। धीमी और क्षमता से कम वृद्धि के चलते महंगाई के नरम बने रहने के आसार हैं ऐसे में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) वित्त वर्ष के दौरान औसतन पांच प्रतिशत पर बना रहेगा जो कि भारतीय रिजर्व बैंक RBI के लक्ष्य के अनुरूप होगा। वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने वाला समूह बैंक ऑफ अमेरिका-मेरिल लिंच ने अपनी एक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अपने सीपीआई महंगाई अनुमान को संशोधित कर मार्च 2017 के लिए 5.7 प्रतिशत किया है जो पहले 5.5 प्रतिशत था। इसके लिए उसने तेल के 55 डॉलर प्रति बैरल पर बने रहने को आधार बनाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता महंगाई दर औसतन पांच प्रतिशत रहनी चाहिए और यह आरबीआई के वर्ष 2016-17 के लक्ष्य के अनुरूप होगी। रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की ओर से आगे नीतिगत रेपो दर में कमी की संभावना सीमित है क्योंकि सीपीआई महंगाई के ऐतिहासिक औसत 6.9 प्रतिशत से यह पहले ही कम 6.25 प्रतिशत पर है। समूह के अनुसार उसे नौ अगस्त को आरबीआई की नीतिगत समीक्षा बैठक में दरों में अंतिम कटौती की की उम्मीद है जो इस साल के महंगाई के रोडमैप को समर्थन देगी।
इससे पहले 5 अप्रैल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी तिमाही मौद्रिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को 0.25 फीसदी घटा दिया था। इस कटौती के बाद रेपो रेट की दर 6.50 फीसदी हो गई है। रिजर्व बैंक ने सीआरआर की दर में कोई बदलाव नहीं किया था। जबकि रिवर्स रेट को 0.25 फीसदी बढ़ा दी गई है।
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