नई दिल्ली। देश में नए कारोबारी आर्डर में धीमी ग्रोथ के बीच सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि में हल्की नरमी आई। मैन्युफैक्चरिंग के प्रदर्शन को बताने वाला निक्की मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजेर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर में घटकर 52.1 पर आ गया जो अगस्त में 52.6 था। अगस्त में यह 20 महीने के उच्च स्तर पर था। यह इस बात का संकेत है कि क्षेत्र में ग्रोथ में कुछ नरमी आई है। ऐसे में महंगाई के दबाव में कमी को देखते हुए RBI ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
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रिपोर्ट तैयार करने वाली आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री पालीयाना डी लीमा ने कहा, भारतीय विनिर्माण उद्योग में सितंबर महीने में थोड़ी नरमी रही। इसका कारण अगस्त से नए आर्डर की ग्रोथ में कमी आना है।
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ घटने के बावजूद कारोबारी स्थिति में सुधार
- मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ रेट में गिरावट के बावजूद लगातार नौवें महीने कारोबारी स्थिति में सुधार हुआ क्योंकि सूचकांक महत्वपूर्ण 50 के उपर बना हुआ है।
- अगस्त से विस्तार की गति धीमी हुई है और अपेक्षाकृत नरम है। 50 से उपर अंक का मतलब है विस्तार जबकि इसके नीचे गिरावट को बताता है।
- उत्पादन में ग्रोथ अब भी जारी है और ऐसा लगता है कि 2016-17 की दूसरी तिमाही में क्षेत्र का जीडीपी वृद्धि में योगदान बेहतर रहेगा। तिमाही आधार पीएमआई उत्पादन सूचकांक 51.4 से बढ़कर अप्रैल-जून में 53.6 रहा।
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