RBI वापस ले रहा है 2,000 रुपए के नोट, SBI ने आज अपनी रिपोर्ट में किया ये खुलासा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) या तो 2,000 के नोटों को वापस मंगा सकता है या उच्च मूल्य वाले करेंसी नोट की छपाई रोक सकता है। यह बात एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कही गई है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 8 दिसंबर 2017 तक 15,78,700 करोड़ रुपए मूल्य के ऊंचे मूल्यवर्ग वाले नोटों की छपाई की है, जिसमें से 2,46,300 करोड़ रुपए मूल्य के नोटों की आपूर्ति बाजार में नहीं की गई है। यह बात भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई या तो 2,000 रुपए के नोटों को वापस मंगा सकता है या उच्च मूल्य वाले करेंसी नोट की छपाई रोक सकता है।
सरकार और आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि क्या 2000 रुपए वाले नोटों को वापस मंगाया जा रहा है? रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मतलब है कि आठ दिसंबर को सर्कुलेशन में कुल करेंसी नोटों में से छोटे मूल्य के नोटों को घटाकर ऊंचे मूल्य वाले करेंसी नोटों का मूल्य 13,324 अरब रुपए था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में लोक सभा में दिए गए बयान के मुताबिक, 8 दिसंबर तक आरबीआई ने 500 रुपए के 16 अरब 95 करोड़ 70 लाख नोट और 2000 रुपए के 3 अरब 65 करोड़ 40 लाख नोट छापे हैं। इन नोटों का कुल मूल्य 15,787 अरब रुपए बनता है।
रिपोर्ट की लेखिका सौम्या कांति घोष, ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, एसबीआई ने कहा कि इसका मतलब है कि आरबीआई द्वारा 2,643 अरब रुपए मूल्य (15,787 अरब रुपए - 13,324 अरब रुपए) के बड़े नोटों को छापा तो गया है लेकिन उनकी बाजार में आपूर्ति नहीं की गई। रिपोर्ट की रोचक बात यह है कि यह मानना सुरक्षित है कि इस अंतराल में आरबीआई ने 2,643 अरब रुपए के छोटे मूल्य के नोट (50 रुपए और 200 रुपए) छाप लिए हों।
ईकोफ्लैश ने कहा है कि एक तर्कसंगत परिणाम के रूप में, 2000 रुपए मूल्यवर्ग के नोट को लेनदेन में चुनौती का सामना करना पड़ता है, ऐसे में यह लगता है कि आरबीआई ने तरलता स्थिति को सामान्य बनाने के लिए शुरुआत में काफी मात्रा में नोटों की छपाई की हो और बाद में 2000 रुपए के नोटों की छपाई रोक दी हो या छोटे नोटों की छपाई शुरू कर दी हो।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्कुलेशन में आ चुकी कुल करेंसी में छोटे नोंटों की मूल्य के हिसाब से हिस्सेदारी 35 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। सरकार ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी, उस वक्त सर्कुलेशन में कुल करेंसी में इन दोनों नोटों की हिस्सेदारी 86-87 प्रतिशत थी।
सरकार के इस कदम से नकदी संकट पैदा हो गया था और बंद हो चुके नोटों को बदलने और बैंक में जमा करने के लिए लंबी-लंबी लाइन लग गई थीं। आरबीआई ने 2000 का नया नोट पेश किया था और साथ ही साथ 500 रुपए का नए आकार का नोट भी जारी किया था। आरबीआई ने पहली बार नोटबंदी के बाद 200 रुपए का नोट भी जारी किया है।