RBI गवर्नर आज कर सकते है ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान, कम होगा EMI बोझ
माना जा रहा है कि नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए समिति अध्यक्ष और RBI गवर्नर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती कर सकती है।
नई दिल्ली। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिवसीय बैठक का फैसला आज आएगा। माना जा रहा है कि नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए समिति, मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट (ब्याज दरों) में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकती है। ब्याज दरों में कमी से आम आदमी का ईएमआई बोझ कम हो जाएगा। RBI के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी की यह दूसरी बैठक है।
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अक्टूबर बैठक में ब्याज दरें 0.25 फीसदी कम हुई थी
- पहली बैठक अक्टूबर में हुई थी तब भी समिति ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया था।
- जनवरी 2015 के बाद से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है।
- नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा है। सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की।
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ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि एमपीसी को अब फैसला करना है। हो सकता है 0.25 से 0.50 फीसदी तक कटौती हो, हर कोई इसकी उम्मीद कर रहा है, लेकिन यदि कोई कटौती नहीं होती है तो यह बड़ा आश्चर्य होगा।’
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क्या हैं बैंकर्स की राय
- केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ राकेश शर्मा ने कहा, मुद्रास्फीति में नरमी आने के साथ, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।’
- बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक चंद्र शेखर घोष ने भी कहा कि रेपो दर में 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद है। अक्टूबर महीने की मुद्रास्फीति नीचे आई है। नोटबंदी के कदम से भी नवंबर की मुद्रास्फीति और नीचे आने की उम्मीद है।
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इसलिए हो सकती है ब्याज दरों में कटौती
- रेटिंग एजेंसी फिच ने एक रिपोर्ट में कहा है कि महंगाई में कमी को देखते हुए भारत में मौद्रिक नीति और उदार बनाने की गुंजाइश है।
महंगाई 5 फीसदी के लक्ष्य से नीचे चल रही है।
- फिच ने ‘2017 आउटलुक (एमर्जिंग एशिया सॉवेरेन्स) ने लिखा है कि भारत की वृद्धि दर की संभावना मजबूत बनी हुई है। उसकी इस अनुमान का आधार बुनियादी ढ़ाचे पर खर्च और सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी सुधार कार्यक्रमों का क्रियान्वयन है।
- आपको बता दें कि अक्टूबर 2016 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.2 फीसदी थी, जबकि रिजर्व बैंक ने मार्च 2017 के लिए इसको 4 फीसदी से 2 फीसदी कम या अधिक के दायरे में सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
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