बैंकों में CCO नियुक्त करने के लिए RBI ने जारी की गाइडलाइन, HDFC बैंक मित्रों की संख्या बढ़ाकर करेगा 25,000
सीसीओ का चयन एक उचित अनुकूल और उपयुक्त आकलन या चयन प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा। सीसीओ अनुपालन से संबंधित जोखिमों का प्रबंधन करेगा।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की नियुक्ति के दिशानिर्देश तय कर दिए हैं। इसके पीछे मकसद बैंकिंग उद्योग में अनुपालन और जोखिम प्रबंधन को लेकर एकरूपता सुनिश्चित करना है। रिजर्व बैंक की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार सीसीओ की नियुक्ति न्यूनतम तीन साल के लिए होगी। वह महाप्रबंधक स्तर या मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से दो स्तर से अधिक नीचे का अधिकारी नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस तरह के स्वतंत्र अनुपालन कामकाज की अगुवाई सीसीओ करेगा।
सीसीओ का चयन एक उचित अनुकूल और उपयुक्त आकलन या चयन प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा। सीसीओ अनुपालन से संबंधित जोखिमों का प्रबंधन करेगा। रिजर्व बैंक के संज्ञान में आया है कि विभिन्न बैंक इस बारे में अलग-अलग तरीका अपनाते हैं। इन दिशानिर्देशों का मकसद इस बारे में बैंकों के रुख में एकरूपता लाना और सीसीओ से संबंधित निरीक्षण आकांक्षाओं को सर्वश्रेष्ठ व्यवहार से जोड़ना है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कुछ आकस्मिक परिस्थितयिों में सीसीओ हटाया या स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके लिए पहले बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी। साथ ही एक बेहतर तरीके से परिभाषित और पारदर्शी आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
सीसीओ बैंक का वरिष्ठ कार्यकारी होगा। यह महाप्रबंधक या सीईओ से दो स्तर नीचे तक का अधिकारी होगा। सीसीओ की नियुक्ति बाजार में उपलब्ध उम्मीदवारों में से भी की जा सकती है। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि सीसीओ को कोई ऐसी जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती, जिससे हितों के टकराव की स्थिति बनती हो। विशेषरूप से उसे कारोबार से संबंधित कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती।
धन शोधन रोधक अधिकारी जैसे पद सीधे हितों का टकराव पैदा नहीं करते हैं। यदि बैंक के आकार, जटिलता, जोखिम प्रबंधन रणनीति तथा ढांचे के हिसाब से अनुकूल बैठता हो, तो सीसीओ को धन शोधन रोधक अधिकारी की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा सीसीओ किसी ऐसी समिति का सदस्य नहीं होना चाहिए जो उसकी भूमिका के साथ हितों का टकराव पैदा करती हो।
एचडीएफसी बैंक मित्रों की संख्या बढ़ाकर करेगा 25,000
ग्रामीण इलाकों में पहुंच बढ़ाने के प्रयास के तहत निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा एचडीएफसी बैंक अपने बैंक मित्रों की संख्या को इस वित्त वर्ष के अंत तक बढ़ाकर 25,000 करने की योजना बना रहा है। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अभी बैंक मित्रों (बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट) की संख्या 11,000 है।
एचडीएफसी बैंक की कंट्री प्रमुख सरकारी संस्थागत कारोबार एवं स्टार्टअप्स स्मिता भगत ने कहा कि हम हमेशा सभी ग्राहकों, यहां तक कि देश के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को सर्वश्रेष्ठ बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं। अपने इसी प्रयास के तहत हम इस वित्त वर्ष के अंत तक बैंक मित्रों की संख्या को 11,000 से बढ़ाकर 25,000 करेंगे।
उन्होंने कहा कि ग्राहक को बैंक मित्रों के जरिये खाता खोलना, मियादी जमा, भुगतान उत्पाद और ऋण जैसी सभी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि बैंक अपने बैंक मित्र नेटवर्क के विस्तार के लिए सरकार के साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) के इस्तेमाल पर भी गौर कर रहा है।