नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देशवासियों को क्रिसमस के मौके पर एक उपहार दिया है। छोटे मूल्य के डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने पेमेंट गेटवे के रूप में काम करने वाले सेमी क्लोज्ड प्रीपेड पेमेंट उत्पाद (पीपीआई) पेश किया है। इसका उपयोग 10,000 रुपए तकी की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है।
यह कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक रूप में हो सकता है। इस उत्पाद में पैसा डालने की सुविधा केवल बैंक खाते से होगी। इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने कहा था कि वह छोटे मूल्य के डिजिटल लेन-देन के लिए इस प्रकार के पीपीआई पेश करेगा। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि छोटे मूल्य के डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने और ग्राहकों को बेहतर अनुभव के इरादे से नए प्रकार के सेमी-क्लोज्ड पीपीआई पेश करने का निर्णय किया गया है।
फिलहाल तीन प्रकार के पीपीआई- क्लोज्ड सिस्टम, सेमी क्लोज्ड ओर ओपन पीपीआई-हैं। क्लोज्ड पीपीआई में केवल वस्तु और सेवाओं की खरीद की अनुमति होती है, नकद निकासी की सुविधा नहीं होती। न ही इसमें किसी तीसरे पक्ष को भुगतान किया जा सकता है। सेमी क्लोज्ड व्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के साथ धन प्रेषण की सुविधा होती है। वहीं ओपन पीपीआई में अन्य सुविधाओं के साथ नकद निकासी की सुविधा भी होती है।
इस प्रकार के उत्पाद बैंक और गैर-बैंकिंग इकाइयां जारी करेंगी। इसके लिए संबंधित ग्राहकों से न्यूनतम जानकारी लेने के बाद इसे जारी किया जाएगा। न्यूनतम ब्योरे में एक बार इस्तेमाल होने वाला (वन टाइम पिन-ओटीपी) पिन के साथ सत्यापित मोबाइल नंबर और नाम की स्व-घोषणा तथा विशिष्ट पहचान संख्या शामिल हैं।
आरबीआई ने कहा कि इस पीपीआई में पैसे भरे जा सकते हैं और इसे कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जा सकता है। इसमें पैसा बैंक खाते से ही भरे जा सकेंगे। किसी एक महीने में इसमें 10,000 रुपए से अधिक नहीं भरा जा सकेगा। एक वित्त वर्ष में यह 1,20,000 रुपए से अधिक नहीं होगी। इस प्रकार के पीपीआई का उपयोग केवल वस्तु और सेवाओं की खरीद में किया जा सकेगा। कोष हस्तांतरण में इसका उपयोग नहीं होगा।
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