नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यमों के फंसे कर्ज के एकबारगी पुनर्गठन की छूट देते हुए मंगलवार को इसके लिए नियम जारी किए। केन्द्रीय बैंक के एक वक्तव्य में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने एमएसएमई के फंसे कर्ज की एकबारगी पुनर्गठन किए जाने की अनुमति दे दी है।
वक्तव्य के अनुसार एमएसएमई के ऐसे कर्ज जिनकी किस्तों की अदायगी रुक गई है, लेकिन वे एक जनवरी 2019 को स्टैंडर्ड ऋण श्रेणी में हैं, उनका एकबारगी पुनर्गठन किया जाएगा। वक्तव्य में कहा गया है कि किसी कर्जदार इकाई के लिए इस छूट का पात्र होने के लिए जरूरी है कि उस पर एक जनवरी 2019 को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की गैर-कोष आधारित सुविधा सहित कुल उधार 25 करोड़ रुपए से अधिक न हो।
इस योजना के तहत ऋणों का पुनर्गठन 31 मार्च 2020 तक लागू किया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने छोटे उद्योगों के ऋण पुनर्गठन की एकबारगी छूट दी है।
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