नई दिल्ली। 8 नवंबर को सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद देश में बड़ी मात्रा में कालेधन को सफेद करने के मामले उजागर होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पूरी तरह सक्रिय हो गया है। आरबीआई ने अब मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध एक्सचेंज पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं।
केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों से करेंसी चेस्ट से निकलने वाले प्रत्येक नए नोट को ट्रैकिंग करने के लिए कहा है। इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों को कुछ और निर्देश भी जारी किए हैं, जिनकी मदद से नई करेंसी पर पूरी तरह से नजर रखी जा सकेगी।
- करेंसी चेस्ट से निकलने वाले प्रत्येक नोट का एक रिकॉर्ड बनाया जाए और उसकी लगातार ट्रैकिंग की जाए।
- बैंकों से करेंसी चेस्ट और लिंक ब्रांचेज स्तर पर एक डेली रिकॉर्ड रखने के लिए कहा गया है, जिसमें आरबीआई से प्राप्त होने वाले 500 और 2000 रुपए के महात्मा गांधी सिरीज के नए बैंक नोट का लेखाजोखा होगा। इसके अलावा अपनी ब्रांच को दिए जाने वाले नोटों, अन्य बैंकों की ब्रांच और पोस्ट ऑफिस को दिए जाने वाले नोटों का विवरण रखा जाएगा। प्रत्येक ब्रांच में जमा होने और बदले जाने वाले नोटों का विवरण भी दैनिक आधार पर रखा जाएगा।
तस्वीरों में देखिए नोटबंदी के बाद क्या थी देश की तस्वीर
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- जाली नोटों को बदलने वाले लोगों की पहचान के लिए बैंकों से कहा गया है कि वह अपने बैंकिंग हॉल और काउंटर्स को सीसीटीवी की निगरानी में लाएं और रिकॉर्डिंग को संभाल कर रखें।
- बैंकों से बैंक ब्रांच और करेंसी चेस्ट की 8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक की वीडियो रिकॉर्डिंग अगले आदेश तक संभाल कर रखने के लिए कहा गया है।
- रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे बैंक शाखाओं व करंसी चेस्ट के परिचालन की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को संभालकर रखें ताकि प्रवर्तन एजेंसियों को उन लोगों की पहचान करने में आसानी हो जो नोटबंदी के बाद नए नोटों की जमाखोरी कर रहे हैं।
- रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदड़ा ने कहा कि सभी बैंकों को आंकड़ा जांच को लेकर नोटिस दिए गए हैं।
- नोटबंदी के बाद आज की तारीख तक 12.44 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबंधित नोट बैंकों में जमा हुए हैं।
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