A
Hindi News पैसा बिज़नेस महंगाई बढ़ने की चिंता में रिजर्व बैंक ने ब्याज दर बढ़ाई, कच्‍चे तेल के दाम बढ़ने से हुई परेशानी

महंगाई बढ़ने की चिंता में रिजर्व बैंक ने ब्याज दर बढ़ाई, कच्‍चे तेल के दाम बढ़ने से हुई परेशानी

भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता के बीच आज मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया है, जिससे बैंक कर्ज महंगा हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ महीनों के दौरान कच्चे तेल के दाम बढ़ने से महंगाई को लेकर चिंता बढ़ी है।

rbi monetary policy- India TV Paisa Image Source : RBI MONETARY POLICY rbi monetary policy

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता के बीच आज मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया है,  जिससे बैंक कर्ज महंगा हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ महीनों के दौरान कच्चे तेल के दाम बढ़ने से महंगाई को लेकर चिंता बढ़ी है। 

रिजर्व बैंक ने पिछले साढ़े चार साल में आज पहली बार रेपो दर में वृद्धि की है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 4.8-4.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि वर्ष की दूसरी छमाही के लिए इसे 4.7 प्रतिशत रखा गया है। 

रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के इस अनुमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले बढ़े महंगाई भत्ते का असर भी शामिल है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन चली बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल समेत सभी छह सदस्यों ने रेपो दर में वृद्धि के पक्ष में अपना मत दिया। 

रिजर्व बैंक ने यहां जारी वक्तव्य में कहा है मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ा दिया है, जबकि अन्य उपायों को तटस्थ बनाए रखा है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों के उनको फौरी नकद की सुविधा उपलब्ध कराता है। इसके बढ़ने से बैंकों के धन की लागत बढ़ जाती है। 

रिजर्व बैंक ने समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर पूर्ववत बनाए रखा है। समीक्षा में कहा गया है कि कच्चे तेल के दाम में हाल के दिनों में हलचल पैदा हुई है, जिससे मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हुई है, यह अनिश्चितता इसमें वृद्धि और गिरावट दोनों को लेकर है। 

इससे पहले अप्रैल में जारी मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति के लिए पहली छमाही के दौरान 4.7-5.1 प्रतिशत और दूसरी छमाही में इसके 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों का आवास किराया भत्ता (एचआरए) वृद्धि का प्रभाव भी शामिल था। 

Latest Business News